देश को मिले भारतीय वन सेवा के 64 अफसर
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के बाद देश को 64 भारतीय वन सेवा के अफसर मिल गए। इसके साथ ही भूटान राज परिवार के 2 अफसरों को भी डिप्लोमा प्रदान किये। एफआरआई के दीक्षांत हाल में...
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के बाद देश को 64 भारतीय वन सेवा के अफसर मिल गए। इसके साथ ही भूटान राज परिवार के 2 अफसरों को भी डिप्लोमा प्रदान किये। एफआरआई के दीक्षांत हाल में मंगलवार को आयोजित समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इन अफसरों को सम्मानित किया। इस दौरान महाराष्ट्र के जगताप किरण को ओवरऑल प्रदर्शन के लिए बेस्ट अफसर और हिमाचल के विकल्प को बेस्ट फोरेस्टर चुना गया। इसके अलावा 19 अलग अलग केटेगरी में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अफसरों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि भारतीय वन सेवा देश की सबसे पुरानी सेवा है। भारत दुनिया के शीर्ष 12 देशों में है जहां पर इस तरह की सम्पदा मौजूद है। अभी भी हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठतम कार्य करना होगा। इसमें आपको लगातार सीखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिलाएं वृक्षों को भाई की तरह मानती हैं। यहां का चिपको आंदोलन किसी से छिपा नहीं है। पास आउट होने वाले नए वनाधिकारी इन सभी पहलुओं का भी ध्यान रखें। दीक्षांत समारोह में डीजी फारेस्ट सिद्धान्तदास, एडीजी शैवाल दास गुप्ता, आईजीएनएफए के निदेशक ओमकार सिंह सहित बड़ी संख्या में वन अफसर और लोग मौजूद रहे।
64 में 40 इंजीनियर
इस बार पास आउट होने वाले ज्यादातर अफसर तकनीकी रूप से बेहद दक्ष हैं। 64 में से करीब 40 अफसर इंजीनियर हैं। ये बीई, बीटेक या एमटेक के बाद भारतीय वन सेवा में चयनित हुए हैं। इनमे से ज्यादातर का सपना बचपन से ही वन सेवा में जाने का था। टॉपर रहे महाराष्ट्र के जगताप खुद इंजीनियरिंग पृष्टभूमि से हैं। उनका कहना है कि तकनीकी रूप से दक्ष अफसर वन सेवा में ज्यादा सफल होंगे। क्योंकि आज हर फील्ड में तकनीक की जरूरत है।