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लापरवाही: सड़क हादसे के जिम्मेदार विभागों पर दर्ज होंगे मुकदमें, छह माह में 14 की गई जान

अब रेत, बजरी या ईंट से होने वाले जानलेवा सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार विभाग या संस्था पर मुकदमा होगा। यातायात निदेशक केवल खुराना ने  बुधवार को सभी जनपद प्रभारियों को इसके आदेश दिए। बुधवार को...

लापरवाही: सड़क हादसे के जिम्मेदार विभागों पर दर्ज होंगे मुकदमें, छह माह में 14 की गई जान
लाइव हिंदुस्तान टीम Thu, 12 Jul 2018 05:13 PM
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अब रेत, बजरी या ईंट से होने वाले जानलेवा सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार विभाग या संस्था पर मुकदमा होगा। यातायात निदेशक केवल खुराना ने  बुधवार को सभी जनपद प्रभारियों को इसके आदेश दिए।

बुधवार को यातायात निदेशक ने राज्य में एक जनवरी से 30 जून तक हुए सड़क हादसों और उनके कारणों की समीक्षा की। इस दौरान पाया गया कि छह माह में प्रदेश भर में कुल 158 सड़क हादसे हुए। जिसमें से देहरादून में 10 हादसे के पीछे सड़क पर ईंट, रेत और बजरी रखी होना मुख्य कारण रहा। वहीं चंपावत के कुल 15 सड़क हादसों में से 2 ईंट, रेत और बजरी से हुए। इन 12 हादसों में कुल 14 लोगों की जान गई,जबकि 8 गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे हादसे रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग या संस्था के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा आगे अगर किसी भी जनपद में इस कारण से हादसा होता है तो इसके लिए जिम्मेदार विभाग, संस्था, ठेकेदार या व्यक्ति पर भी मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।

ईँट, रेत बजरी रखने वालों का चालान
निदेशक यातायात खुराना की ओर से सभी सड़क पर रेत, ईंट या बजरी या अन्य निर्माण सामग्री रखने वालों पुलिस एक्ट में चालान करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ताकि इससे हादसों की नौबत ही ना आए। सभी जनपदों में इसका कड़ाई से पालन कराने के आदेश कप्तानों को दिए गए हैं।

आईपीसी की इन धाराओं में दर्ज हो सकता है
यातयात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि सड़क पर ईँट, रेत, बजरी या अन्य निर्माण सामग्री रखने वालों पर लापरवाही में आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा किया जा सकता है। इसमें आईपीसी की धारा 283,288,290,337,338 के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि सड़क पर रेत, बजरी,ईंट या अन्य निर्माण सामग्री रखने से हुए हादसों के लिए जो भी विभाग, संस्था या व्यक्ति जिम्मेदार है उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। साथ ही ऐसे हादसे रोकने के लिए लगातार मॉनीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।

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