उच्च हिमालयी खेती पर अज्ञात कीट हमले से किसान परेशान, खेती को हो रहा नुकसान
उच्च हिमालयी क्षेत्र के माइग्रेशन गांवों में फसलों पर अज्ञात कीट के हमले से यहां की खेती पर संकट आ पड़ा है। कड़ाके की ठंड में 9 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में रहकर किसी तरह खेती करते हैं।
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उच्च हिमालयी क्षेत्र के माइग्रेशन गांवों में फसलों पर अज्ञात कीट के हमले से यहां की खेती पर संकट आ पड़ा है। कड़ाके की ठंड में 9 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में रहकर किसी तरह खेती कर रहे सीमांत के किसान इससे परेशान हैं। उनकी साल भर की आजीविका के प्रबंध पर भी मुसीबत आ पड़ी है।
भारत-चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी माइग्रेशन गांव दुग्तू, सेला, चल, बालिंग, नागलिंग, सीपू, मार्छा, फिलम, बौन, गो, ढाकर, तिदांग के साथ ही दारमा, व्यास घाटी और मुनस्यारी के उच्च हिमालयी गांवों में 5 हजार से अधिक लोग गर्मियों में में मौसमी खेती करते हैं। अप्रैल से अक्तूबर तक माइग्रेशन गांवों में रहने वाले इन लोगों की साल भर की आजीविका इसी खेती पर निर्भर हैं।
दारमा के साथ व्यास के अधिकतर क्षेत्र के खेतों में खड़ी फसल पर अज्ञात कीट के हमले से इस बार फसल की बढ़वार प्रभावित हो रही है। फिलम गांव के किसान नारायण सिंह फिरमाल के अनुसार, खेतों में बेहद तेजी से फैल रहे इस कीट को इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखा।
कीट वैज्ञानिकों की टीम को क्षेत्र भ्रमण कराकर इसका कारण पता लगाएंगे। इसके बाद आवश्यक हुआ तो अनुदान पर किसानों को जरूरी रसायन उपलब्ध कराएंगे। स्प्रे करने के लिए विभागकी टीम भी भेजी जाएगी।
ऋतु टम्टा, मुख्य कृषि अधिकारी, पिथौरागढ़