धारचूला तहसील में जल्द ही तांकुल परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस परियोजना निर्माण को अपनी मंजूरी दे दी है। जल्द ही परियोजना निर्माण के लिए धरातल पर काम शुरू होगा। व्यास वैली में तवाघाट से 25 किमी दूर भारत चीन सीमा के करीब तांकुल में 12 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना के निर्माण को कई सालों से कवायद चल रही थी।
वन भूमि की बाधा के कारण निर्माण प्रारंभ नहीं हो पा रहा था। भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इस परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद अब करीब 250 करोड़ से अधिक की लागत से कार्य शुरू होगा। सिमखोला नाले में रियोजना के निर्माण का काम उत्तराखंड जल विद्युत निगम कराएगा।
मांगती गांव में काली नदी किनारे परियोजना से विद्युत उत्पादन शुरू करने को पावर हाउस बनाया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण के लिए 9 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी। परियोजना निर्माण में 250 पेड़ काटे जाएंगे।
धौली गंगा परियोजना से लगे क्षेत्र में बनेगी परियोजना : पिथौरागढ़। 12 मेगावाट की तांकुल परियोजना एनएचपीसी की धौली गंगा जल विद्युत परियोजना से लगे क्षेत्र में बनेगी। परियोजना में तांकुल से पानी मांगती गांव के समीप काली नदी किनारे तक पाइपों से पानी लाया जाएगा। यहीं बिजली तैयार होगी। इस परियोजना के निर्माण से धारचूला के साथ ही सीमांत के लोगों को बिजली की आपूर्ति होगी। ग्रिड को भी परियोजना से उत्पादित बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
तांकुल में 12 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए वन भूमि की बाधा पूरी तरह से हट गई है। परियोजना का निर्माण अब इसे मंजूरी मिल जाने के बाद शुरू करना आसान हो गया है।
उमेश जोशी, सहायक अभियंता, यूजेवीएनएल, धारचूला
परियोजना निर्माण को भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। 250 करोड़ से अधिक की लागत से इसका निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा।
केएल मित्तल, उपमहाप्रबंधक, यूजेवीएनएल, पिथौरागढ़