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बिजली बिल दे रहा है टेंशन, UPCL के बढ़े बिलों से हर दूसरा उपभोक्ता परेशान

उत्तराखंड में हर दूसरे आम बिजली उपभोक्ता की शिकायत है कि उनका बिल ज्यादा आता है। इस संबंध में यूपीसीएल को हर महीने करीब ढाई हजार शिकायतें मिल रही हैं। मीटर की लाेग जांच करवा रहे हैं।

बिजली बिल दे रहा है टेंशन, UPCL के बढ़े बिलों से हर दूसरा उपभोक्ता परेशान
Himanshu Kumar Lallदेहरादून, मुख्य संवाददाताSat, 13 May 2023 03:51 PM
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उत्तराखंड में हर दूसरे आम बिजली उपभोक्ता की शिकायत है कि उनका बिल ज्यादा आता है। इस संबंध में यूपीसीएल को हर महीने करीब ढाई हजार शिकायतें मिल रही हैं। लोग चेक मीटर लगवाकर घरेलू मीटरों की जांच भी करा रहे हैं। अधिकतर मामलों में यूपीसीएल अपने मीटरों को सही ठहराते हुए राहत नहीं दे रहा जबकि पहुंच वाले उपभोक्ता विद्युत लोकपाल में जाकर करोड़ों रुपये के बिल माफ करा ले रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि आम उपभोक्ताओं की शिकायतें कब और कैसे दूर होंगी?

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम की हर अधीक्षण अभियंता के सर्किल स्तर पर एक मीटर टेस्टिंग लैब है। इनमें बिजली उपभोक्ता मीटरों की समस्या को लेकर शिकायत करते हैं। यहां उपभोक्ताओं के मीटर की जांच के साथ चेक मीटर लगाकर मीटर की स्पीड की भी जांच की जाती है। यदि मीटर की स्पीड ज्यादा पाई जाती है, तो उपभोक्ताओं का बिल चेक मीटर की रीडिंग के लिहाज से तय कर, कम कर दिया जाता है।

यदि उपभोक्ता के मीटर की स्पीड कम पाई जाती है, तो चेक मीटर की स्पीड के लिहाज से बिल ज्यादा भी आ जाता है। वर्तमान में पूरे राज्य के मीटर टेस्टिंग डिविजनों में जनवरी से लेकर मई महीने के बीच की अवधि में करीब दस हजार उपभोक्ताओं ने चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन किया। टेस्ट डिवीजनों में स्टाफ की कमी के कारण प्रकरण का जल्द  निस्तारण नहीं हो पाता। जिनका निस्तारण होता भी है, उन्हें भी यूपीसीएल से राहत नहीं मिलती। 

दूसरी ओर, पहुंच वाले तमाम बड़े कॉमर्शियल व औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को हरस्तर पर वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता है। यहां तक की उनके करोड़ों के बिल भी माफ हो जाते हैं। आम उपभोक्ता नहीं करते अधिक अपील: चेक मीटर लगाने की स्थिति में यूपीसीएल अपने मीटर को सही बताते हुए उपभोक्ता को कोई राहत नहीं देता। आम उपभोक्ताओं भी इसके खिलाफ ज्यादा अपील नहीं करते। कोई कोई उपभोक्ता ही अपील करने को उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच जाता है। कोई गया भी और फैसला उसके पक्ष में नहीं आए तो वो उस निर्णय के खिलाफ विद्युत लोकपाल में अपील नहीं करता। 

एनएबीएल को लेकर भी सवाल: विद्युत लोकपाल ने अब तक जितने भी बिल माफ किए हैं, उसका आधार यूपीसीएल की मीटर टेस्ट लैब को एनएबीएल की मान्यता नहीं मिलना बताया है। उधर, यूपीसीएल इस आधार को सही नहीं बता रहा है। यूपीसीएल के अफसरों का कहना है कि जिन कंपनियों से मीटर खरीदे जा रहे हैं, वे सभी एनएबीएल से प्रमाणित हैं। हर मीटर के साथ एनएबीएल का प्रमाण पत्र मिलता है। इसके बावजूद फैसलों में एनएबीएल को आधार बनाना गले नहीं उतरता। इस मामले में अंदरखाने सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

किस महीने मिले कितने आवेदन
इस साल पूरे प्रदेश के मीटर टेस्टिंग डिविजनों में मिले आवेदनों की बात करें तो जनवरी में 2435, फरवरी में 2739, मार्च में 2644, अप्रैल में 1574 और मई में अब तक 602 आवेदन मिल चुके हैं। इसके पहले की छह माह की अवधि में भी चेक मीटर लगाने के लिए लगभग इतने ही आवेदन मिले थे। इन आवेदनों के निस्तारण की गति बेहद धीमी है। 

बिजली चोरी में 3830 एफआईआर और 2.37 करोड़ रुपये भी वसूले
यूपीसीएल मैनेजमेंट ने बिजली चोरी के खिलाफ अभियान तेज करने का दावा किया है। मैनेजमेंट ने गतवर्ष के आंकड़े साझा करते हुए फील्ड के इंजीनियरों को अभियान तेज करने के निर्देश दिए। मैनेजमेंट ने दावा किया कि वर्ष 2022-23 में 16180 बिजली कनेक्शनों की जांच की गई।

इस दौरान 3830 केस में एफआईआर कराई गई। बिजली चोरी के एवज में करीब 2.37करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया। बिजली चोरी समेत विभिन्न कारणों से राज्य में करीब 14% लाइन लॉस की स्थिति है। एक प्रतिशत लाइन लॉस से यूपीसीएल को लगभग 90 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इस नुकसान को रोकने के लिए यूपीसीएल मैनेजमेंट बिजली चोरी के खिलाफ अभियान व शत प्रतिशत राजस्व वसूली पर जोर दे रहा है।

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि ऊर्जा निगम की विजिलेंस के साथ फील्ड के इंजीनियरों को अभियान तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में अकेले विजिलेंस सेल ने 2022-23 में 4143 बिजली कनेक्शन की जांच की। 2972 मामलों में धारा135 के तहत केस दर्ज कराया। ये कार्रवाई पहले के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यूपीसीएल थाने में केस दर्ज कराता है उसके बाद कोई ठोस और नियमित पैरवी नहीं होती है। 

उपभोक्ताओं की शिकायतों का प्राथमिकता पर निस्तारण कराया जा रहा है। डििवजन और टेस्ट डििवजन स्तर पर लगातार काम किया जा रहा है। जहां तक बात यूपीसीएल के चैक मीटर की प्रमाणिकता का है, उसे लेकर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए। क्योंकि कंपनी से डिलीवरी लेते समय हर मीटर के साथ एनएबीएल प्रमाणपत्र मिलता है। लोकपाल के फैसलों के खिलाफ लगातार अपील की जा रही है। 
अजय अग्रवाल, निदेशक परियोजना

 

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