उत्तराखंड में सहकारी समितियों में होंगे चुनाव, महिला आरक्षण- वार्डों परिसीमन का भी प्लान
समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण किस तरह लागू होगा, इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्राथमिक समितियों में अध्यक्ष और सदस्यों के पदों पर चक्रीय क्रम में महिला आरक्षण लागू करते हुए सुझाव मांगे।
उत्तराखंड में कोऑपरेटिव चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। समितियों में महिला आरक्षण लागू करने को आपत्ति, सुझाव आमंत्रित कर लिए गए हैं। अनन्तिम सूची जारी की जा चुकी है। जल्द जिला और प्राथमिक समितियों के वार्डों का परिसीमन तय किया जाएगा। इसके बाद चुनाव कार्यक्रम जारी होगा।
राज्य में मौजूदा समय में सभी प्राथमिक, जिला और राज्य स्तरीय समितियों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सभी सहकारी संस्थाओं में प्रशासक तैनात हैं। इन प्राथमिक समितियों के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बार सहकारी समितियों के चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण किस तरह लागू होगा, इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्राथमिक समितियों में अध्यक्ष और सदस्यों के पदों पर चक्रीय क्रम में महिला आरक्षण लागू करते हुए आपत्ति, सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। अंतिम सूची जारी करते ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
जिला स्तर पर कोऑपरेटिव की ओर से समितियों के वार्डों का परिसीमन शुरू किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन प्राधिकरण के निर्देश के बाद सहकारी समितियों के निर्वाचन को वार्डों के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू करने पर काम शुरू
कोऑपरेटिव चुनाव में इस बार 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू होगा। इसी महिला आरक्षण को लागू करने के कारण पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से निर्धारित किया जा रहा है। इसी आरक्षण को लागू करने के कारण प्रक्रिया इस बार थोड़ी लंबी हो गई है।
समितियों के दम पर सहिकारिता के बड़े संघों पर कब्जा
कोऑपरेटिव के बड़े संघों पर उसी का दबदबा रहता है, जिसकी पकड़ निचले स्तर की प्राथमिक सहकारी समितियों में जबरदस्त रहती है। जिस पार्टी के प्राथमिक समितियों में अधिक से अधिक डेलीगेट जीत कर आते हैं, ऊपर उन्हीं की स्थिति मजबूत होती है। यही वजह है, जो कोऑपरेटिव में प्राथमिक समितियों का चुनाव बेहद अहम रहता है।
महिला आरक्षण तय किए जाने को प्रक्रिया चल रही है। जल्द प्राथमिक समितियों के साथ ही जिला स्तरीय समितियों में अध्यक्ष और सदस्यों के पद पर महिला आरक्षण फाइनल हो जाएगा। इसी के साथ ही समितियों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होगी।
हंसादत्त पांडेय, अध्यक्ष राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण
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