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बजट सत्र 2021:आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इन बातों पर जाहिर की चिंता, पढ़ें

बजट सत्र के चौथे दिन सदन में बेरोजगारी का मुद्दा गूंजा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों की वजह से बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि...

बजट सत्र 2021:आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इन बातों पर जाहिर की चिंता, पढ़ें
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनThu, 04 Mar 2021 02:25 PM
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बजट सत्र के चौथे दिन सदन में बेरोजगारी का मुद्दा गूंजा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों की वजह से बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नौकरियों के साथ साथ लाखों की संख्या में स्वरोजगार के अवसर सृजित किए हैं। सरकार के जवाब का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायकों ने विरोध स्वरूप सांकेतिक बॉयकाट कर दिया। शून्यकाल में कांग्रेस ने नियम-58 के तहत बेरोजगारी का मुद़्दा उठाते हुए सरकार से सदन की पूरी कार्यवाही स्थगित करते हुए चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी देश में सबसे ज्यादा हो चुकी है। कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जनऔषधी केंद्र, मंडी परिषद से बड़ृी संख्या में कर्मचारियों को हटा दिया। हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक दल के उपनेता करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने भी बेरोजगारी को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी को खत्म करने के लिए कतई गंभीर नहीं है।  सरकार की नीतियों के कारण रोजगार मिल तो नहीं ही रहा है, बल्कि लोगों की नौकरियां छिन रही हैं। जसपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि कोरेाना काल में लोगों की नौकरियां चली गई हैं। छोटे-मझोले स्कूल कर्मचारी इससे प्रभावित हुए है।

सरकार ने विद्यामंदिर के स्कूलों को पांच-पांच रूपये की सहायता दी। लेकिन बाकी स्कूलों को छोड़ृ दिया। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बेरोजगारी पर विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। कहा कि सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर नियमित रूप से भर्तियां कर रही है। इससे बढ़कर यह कि सरकार ने लोगों को नौकरी के साथ ही स्वरोजगार की ओर प्रेरित किया है। सात लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। मनरेगा के जरिए छह लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।

विद्यामंदिर स्कूलों को आर्थिक सहायता के आरोप को भी उन्होंने खारिज किया। कहा कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के रूप में आगे बढ़ रही है। संसदीय कार्यमंत्री के जवाब पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। सरकार पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए सदन का बॉयकाट कर बाहर चले गए। सरकार के जवाब के आधार पर विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के कामरोका प्रस्ताव को खारिज मद कर दिया।

बेरोजगारी के दंश से पूरा प्रदेश जूझ रहा है। अपने बेरोजगार बच्चों को देखदेखकर असहाय मां-पिता रोते हैं। संसदीय कार्यमंत्री जी, उनके आंसुओ का पाप आप और आपकी सरकार को लगेगा।
इंदिरा ह्दयेश, नेता प्रतिपक्ष

सरकार ने प्रतिकल परिस्थितियों में रोजगार और स्वरोजगार के लाखों अवसर सृजित किए हैं। सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है।
मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री

 

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट हुई पेश
विधानसभा के बजट सत्र-2021 के दौरान उत्तराखंड सरकार ने आज गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सदन के पटल में रखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की वजह से प्रदेश में विकास दर घटी है जबकि  प्रतिव्यक्ति आय में इजाफा दर्ज किया गया है।2019- 20 में विकास दर घटकर 4.30 प्रतिशत रह गई है। जबकि, प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय 2 लाख 2895 हो गई है। उत्तराखंड में 1 लाख 81 हजार पंजीकृत व्यापारियों की संख्या हो गई है। बताया गया है कि इनवेस्टर समिट में आये 25 हजार करोड़ के निवेश पर प्रदेशभर में  काम शुरू हो गया है।  चिंता जताई कि कोविड की वजह से राज्य का निर्यात आधा रह गया है। वहीं, रजिस्ट्री में 13 प्रतिशत की कमी आंकी गई है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बजट करेंगे पेश
उत्तराखंड में चुनावी साल के मद्देनजर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वित्त मंत्री हैसियत से गुरुवार को खजाने से लुभावनी बजट का पिटारा खोल सकते हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने 56 हजार 900 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। अपराह्न चार बजे सीएम त्रिवेंद्र सदन में इस पिटारे को सार्वजनिक करेंगे। पिछली बार सरकार ने लगभग 53 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। चूंकि, अगले साल जनवरी-फरवरी में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लग सकती है। मौजूदा बजट हर वर्ग की उम्मीदों पर खरा उतरे, ऐसी कोशिश सरकार की रहेगी। स्वास्थ्य, लोनिवि, के अलावा कृषि, बागवानी, शिक्षा, रोजगार पर सरकार का मुख्य फोकस हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि बजट में सरकार कुछ नई योजनाएं भी लाने जा रही है।

स्वास्थ्य पर रहेगा जोर

सरकार ने पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग का लगभग 1900 करोड़ का बजट रखा था। इस बार कोविड के मद्देनजर इसमें ठीकठाक इजाफा होना तय है। हालांकि, कोविड काल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए। राज्य के हर व्यक्ति को पांच लाख तक का फ्री इलाज सरकार रही है, लिहाजा अब अस्पतालों को सुदृढ़ करने और आईपीएचएस के मानक के अनुसार पदों की संख्या बढ़ा सकती है। इससे स्वास्थ्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

 

अल्पसंख्यक कर्मचारियों को राहत

सरकार किसानों और महिला समूहों की तर्ज पर अल्प संख्यक कर्मचारियों को कम ब्याज दर पर ऋण देने की सुविधा दे सकती है। न्यूनतम यह राशि सात से दस लाख रुपये तक हो सकती है। मौजूदा समय में विभिन्न बैंकों में व्यक्तिगत ऋण पर 12 फीसदी से अधिक ब्याज है। अल्प संख्यक कर्मचारियों को राहत देने के लिए सरकार आठ फीसदी ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करा सकती है।
 
20 हजार लीटर पानी कर सकती है फ्री
पेयजल उपभोक्ताओं को बजट में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार प्रतिमाह 20 हजार लीटर पानी फ्री करने की महत्वकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके लिए बाकायदा मंत्रिमंडल की उप समिति का गठन हुआ है। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार एक व्यक्ति को प्रति दिन 155 लीटर पानी उपलब्ध होना चाहिए। यह सरकार की सबसे बड़ी लोक लुभावन योजना हो सकती है।
 

कृषि-बागवानी को मिल सकती है प्राथमिकता

कृषि व बागवानी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का सबसे अहम सेक्टर है। इस सेक्टर के जरिए स्व रोजगार के मौके उपलब्ध कराने की लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। बजट में इन दोनों सेक्टरों के लिए खास होने की चर्चाएं भी हैं।

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