प्राकृतिक आपदा से उत्तराखंड में टूटी पहाड़ियां भी करेंगी अब पर्यटकों को आकर्षित, दरकते इलाके में दिखेंगे संस्कृति के नजारे
उत्तराखंड में प्राकृति आपदा अकसर लोगों की परीक्षा लेती रहती है। जाशीमठ में दरारों से लेकर शहरों में तेज भूकंपों के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जातीं हैं। दरकते इलाके में संस्कृति के नजारे दिखेंगे।
उत्तराखंड में प्राकृति आपदा अकसर लोगों की परीक्षा लेती रहती है। जाशीमठ में दरारों से लेकर कई शहरों में तेज भूकंपों के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जातीं हैं। समय के साथ ही उत्तराखंड के लोगों ने प्राकृतिक आपदों का डट कर सामना करना सीख लिया है। लेकिन, अब प्राकृतिक आपदा में टूटी पहाड़ियां पर्यटकों को आकर्षित करेंगी।
टूटी पहाड़ियां से पर्यटकाें को आकर्षित करने के लिए प्रशासन ने इसके लिए अनूठा ट्रीटमेंट प्लान बनाया है। इन पहाड़ियों का ट्रीटमेंट कर यहां पर पेंटिंग के जरिए उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान के चित्रों व मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। ठंडी सड़क और बलियानाला की पहाड़ी से इसकी शुरुआत होने जा रही है। मुख्य सचिव एसएस संधू ने इस योजना को सहमति प्रदान की है।
नैनीताल में दशकों से दरक रहे बलियानाला के ट्रीटमेंट के लिए 192 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। प्रशासन की योजना है कि बलियानाले की पहाड़ी का ट्रीटमेंट के साथ सौंदर्यीकरण भी हो। योजना के अनुसार बलियानाला की पहाड़ी को सीढ़ीदार खेतों की तरह बनाकर भूस्खलन रोका जाएगा।
इससे नैनीताल पहुंचने वाले सैलानियों को पहाड़ की खेतीबाड़ी को देखने समझने का मौका भी मिलेगा। ठीक इसी तरह भूस्खलन से बदसूरत हो चुकी ठंडी सड़क पर स्थित पाषाण देवी मंदिर की पहाड़ी की भी सूरत बदली जाएगी। सिंचाई विभाग ने इसके लिए करीब 12 करोड़ की ट्रीटमेंट योजना बनाई है।
जिसे शासन से स्वीकृति भी मिल चुकी है। तय हुआ कि ट्रीटमेंट में केवल सीमेंट की खड़ी दीवार बनाने के बजाय पहाड़ी को आकर्षक बनाया जाएगा।
सुरक्षा दीवार से केपी छात्रावास तक होगा काम
ठंडी सड़क से लगी पहाड़ी पर मरम्मत कार्य के लिए करीब 12 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। इसमें रोड से सटी पहाड़ी पर झील से लगी सुरक्षा दीवार से केपी छात्रावास तक सुरक्षा कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
प्रतीक चिह्नों का इस्तेमाल
ट्रीटमेंट के लिए जो योजना बनाई गई है उसमें पहाड़ियों पर उत्तराखंड की पहचान से जुड़े दृश्य और आकृतियां बनाई जाएंगी। इनमें ऊं पर्वत, नंदा देवी सहित अन्य प्रतीक चिह्नों को शामिल किया जाएगा।
ठंडी सड़क से जुड़ी पहाड़ी पर सुरक्षा कार्य के तहत रिटेनिंग वॉल, वायर क्रेट्स और माइक्रो पाइलिंग का कार्य होना है। अब इसमें कई सौन्दर्यीकरण कार्य भी किए जाने हैं। इसके लिए पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
एके वर्मा, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग