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आपदा की मार: पांच दिन के बाद भी लोग राशन,बिजली-पानी को तरस रहे

नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के दूरस्थ गांव जोग्याड़ी तोक के जजुला में आपदा के पांच दिन बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं पहुंची है। गांव के  लोग राशन, बिजली और पानी के लिए तरस...

आपदा की मार: पांच दिन के बाद भी लोग राशन,बिजली-पानी को तरस रहे
गरमपानी। कैलाश नेगीSun, 24 Oct 2021 01:21 PM

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नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के दूरस्थ गांव जोग्याड़ी तोक के जजुला में आपदा के पांच दिन बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं पहुंची है। गांव के  लोग राशन, बिजली और पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों ने बताया कि वे ग्रामीण पंचायत घर और मंदिर में शरण लिए हुए हैं। गांव में कई घर नदी-नालों की चपेट में आकर बह गए।

जजुला में एक मकान क्षतिग्रस्त होने से उसके मलबे में चार लोग दब गए थे। पर ग्रामीणों के खैरना तहसील को सूचना देने के बावजूद सड़क आदि बंद होने से उन्हें मदद नहीं पहुंच पाई। इसके बाद ग्रामीणों ने निजी प्रयासों से दबे लोगों को बाहर तो निकाल लिया, पर उपचार न मिलने से वह भी गांव में ही पड़े हैं। ग्रामीण अंबुली देवी का कहना है कि अब तो मेरे पास न मकान बचा है और न खेती करने के लिए खेत। अब वह ग्राम सभा के लोगों के खाने पर जिंदा है। संतोष गिरी का कहना है कि घर के भीतर पानी आते ही 2 मिनट में पूरा घर बह गया।

जमा रुपये, जेवर, कपड़े सब कुछ अपने साथ बहा ले गया। दीवान सिंह का कहना है कि मेरे पास 22 कमरों का मकान था, जो आपदा से पूरा टूट चुका है। अब परिवार संग मंदिर में रहना पड़ रहा है। बीडीसी सदस्य जेडी कत्यूरा ने बताया कि 80 से 90 फीसदी खेत बहने के बाद अब ग्रामीणों के सामने परिवार चलाने का कोई भी साधन नहीं बचा है। लोगों के पास सीमित राशन बचा है, वो भी कब तक चल पाएगा इसका पता नहीं।

आपदा के जख्म
-कपड़े के सिवा कुछ नहीं बचा 
-दबे चार लोगों को खुद निकाला
-सड़क ध्वस्त, घायलों को अस्पताल नहीं पहुंचा पा रहे
-पंचायत घर, मदिर में ली है शरण 
-ग्रामीणों के पास सीमित राशन बचा
-360 लोगों की ग्राम सभा जोग्याड़ी के जजुला में बिजली-पानी ठप

 

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