उत्तराखंड: खटीमा में थारू जनजाति की बेटियां चलाती हैं टोल प्लाजा, देखें VIDEO
टोल प्लाजा जब भी चर्चा में आते हैं तो उसके पीछे विवाद ही जड़ होती है। लेकिन उत्तराखंड में खटीमा के पास पहेनिया का टोल प्लाजा इस बार बेटियों के कारण चर्चा में है। एनएच-125 पर पड़ने वाला यह प्लाजा थारू...
टोल प्लाजा जब भी चर्चा में आते हैं तो उसके पीछे विवाद ही जड़ होती है। लेकिन उत्तराखंड में खटीमा के पास पहेनिया का टोल प्लाजा इस बार बेटियों के कारण चर्चा में है। एनएच-125 पर पड़ने वाला यह प्लाजा थारू जनजाति की बेटियों के भरोसे चलता है। ये बेटियां प्लाजा चलाने के साथ-साथ अपनी डिग्री की पढ़ाई भी कर रही हैं।
टोल प्लाजा में नौकरी करने वाली सभी 11 लड़कियां खटीमा से लगे गांवों की रहने वाली हैं। तीन शिफ्ट में ड्यूटी करने के साथ ही यह कॉलेज की पढ़ाई भी कर रही हैं। टोल प्लाजा पर काम करने वाली बीए की छात्रा रवीना ने बताया कि यहां सभी कैश काउंटर लड़कियां ही संभालती हैं। पहेनियां निवासी अनामिका कहती हैं कि शुरुआत में थोड़ा डर लगता था। कई बार वाहन चालक टोल को लेकर उलझ जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता। आनाकानी करने वालों को डील करना लड़कियों ने सीख लिया है। आमतौर पर असुरक्षित मानी जानी वाली इस नौकरी पर यहां काम करने वाली बबीता कहती हैं कि आज कोई ऐसा काम नहीं जो महिलाएं नहीं कर सकती हैं। ऐसे में
टोल प्लाजा की नौकरी के लिए भय कैसा?
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ नारा बना प्रेरणा : प्लाजा मैनेजर हेमंत पांडे कहते हैं ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ ने नारे ने हमें लड़कियों को नौकरी देने के लिए प्रेरित किया। पहली बार जब जॉब के लिए कुछ लड़कियों के बायोडाटा आए तो इसी सोच के साथ उन्हें नौकरी दी गई। उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी प्लाजा में किए गए हैं। टोल प्लाजा में अभद्रता व मारपीट की घटनाओं की आशंका पर युवतियों की सुरक्षा के इंतजाम है। सुरक्षा को चार गनमैन समेत 20 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है।