डिग्री लेने में बेटियां, पीएचडी-डिप्लोमा में बेटे आगे; रिपोर्ट में हुए कई हैरान करने वाले खुलासे
उत्तराखंड में स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्री लेने में बेटियां आगे हैं, जबकि बेटों का झुकाव पीएचडी और डिप्लोमा जैसे रोजगारपरक कोर्स की तरफ अधिक है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है।

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उत्तराखंड में स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्री लेने में बेटियां आगे हैं, जबकि बेटों का झुकाव पीएचडी और डिप्लोमा जैसे रोजगारपरक कोर्स की तरफ अधिक है। इस बात की पुष्टि अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) की रिपोर्ट करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सत्र 2020-21 में राज्य के 400 से अधिक डिग्री कॉलेजों की बीए, बीएससी और बीकॉम की कक्षा में पुरुषों के मुकाबले 11723 व एमए, एमएससी और एमकॉम में 15062 अधिक महिलाओं ने दाखिला लिया। जबकि, पीएचडी में पुरुषों की संख्या महिलाओं से 1566 व डिप्लोमा कोर्सेज में 13 हजार अधिक है।
पहले जारी हुई रिपोर्ट: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय उच्च शिक्षा का राष्ट्रीय सर्वेक्षण यानी एआईएसएचई 2012-13 सत्र से करा रहा है। इसके दायरे में देश के सभी सरकारी और प्राइवेट उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं। इस बार 29 जनवरी 2023 को सत्र 2020-21 की रिपोर्ट जारी की गई है।
आंकड़ों की जुबानी (कक्षाओं में पंजीकरण)
कक्षा पुरुष महिला
स्नातक 227696 239419
स्नातकोत्तर 46493 61555
पीएचडी 4099 2533
पीजी डिप्लोमा 1231 1122
एमफिल 04 01
कॉलेजों में यूजी-पीजी कक्षाओं में छात्राओं की संख्या अधिक होना अच्छी बात है। जहां तक बात है पीएचडी या डिप्लोमा में छात्राओं की संख्या कम होने की तो इसके पीछे अभिभावकों में जागरूकता की कमी भी है। यूजी-पीजी के बाद अधिकांश अभिभावकों को बेटियों के विवाह की चिंता होने लगती है। ऐसे में बेटियां आगे नहीं पढ़ पाती हैं। हालांकि, अब स्थिति में पहले मुकाबले काफी सुधरी है।
प्रो.जगदीश प्रसाद, निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखंड