ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंडजब ज्वैलरी शॉप में 'स्पेशल-26' फिल्म की तरह आए लुटेरे, पिता-पुत्र से लूटे 15 लाख के गहनें

जब ज्वैलरी शॉप में 'स्पेशल-26' फिल्म की तरह आए लुटेरे, पिता-पुत्र से लूटे 15 लाख के गहनें

चर्चित हिंदी फिल्म 'स्पेशल-26' की पटकथा मंगलवार को देहरादून में दोहराई गई। फिल्मी पर्दे से हटकर बदमाशों ने इस सीन को व्यस्त चौराहे पर अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस को पहले से ही...

जब ज्वैलरी शॉप में 'स्पेशल-26' फिल्म की तरह आए लुटेरे, पिता-पुत्र से लूटे 15 लाख के गहनें
देहरादून, कार्यालय संवाददाताWed, 14 Nov 2018 11:13 AM
ऐप पर पढ़ें

चर्चित हिंदी फिल्म 'स्पेशल-26' की पटकथा मंगलवार को देहरादून में दोहराई गई। फिल्मी पर्दे से हटकर बदमाशों ने इस सीन को व्यस्त चौराहे पर अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस को पहले से ही दून में सर्राफा कारोबारी के साथ वारदात की सूचना थी, लेकिन पुलिस को पूरा मामला समझ आने से पहले ही बदमाश घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।

देहरादून में दिनदहाड़े हुई वारदात की कहानी बेहद शातिर तरीके से रची गई। इस पूरे लूटकांड को अगर वक्त दर वक्त समझा जाए तो इसका एक सिरा 2013 में आई हिट फिल्म 'स्पेशल-26' तक भी जाता है। 'स्पेशल 26' फिल्म में जहां नकली सीबीआई की टीम सर्राफा व्यापारियों से लूट करती है। वहीं, दून में भी बदमाशों की टोली ने नकली पुलिस बनकर 15 लाख के जेवरात लूट को अंजाम दे दिया। बदमाशों की बेहद कसी हुई पटकथा, सदी हुई साजिश और मजबूत किरदारों ने दून पुलिस की आंख में उसी तरह से धूल झौंक दी, जैसे अक्षय कुमार और अनुपम खेर की नकली सीबीआई 'स्पेशल-26' फिल्म में झोंकती है।

आश्चर्य की बात ये भी है कि फिल्म 'स्पेशल-26' में जिस तरह सीबीआई इंस्पेक्टर का किरदार निभाने वाले मनोज वाजपायी को घटना और मौका-ए-वारदात का पता था। मंगलवार घंटाघर पर हुई घटना से पहले दून पुलिस को भी बदमाशों के निशाने पर सर्राफा कारोबारियों के होने की सूचना थी। हालांकि यहां यह पता नहीं था कि लूट करने वाले बदमाशा पुलिस के सामने ही खुद को पुलिसवाला बताकर वारदात को अंजाम देंगे। फिर भी फिल्म की तर्ज पर दून पुलिस भी धोखा खा गई। उसने बदमाशों की सूचना को गंभीरता से लिया ही नहीं। जब घटना भी हुई तो पुलिस को इसकी जरा भी भनक नहीं थी कि ऐसा कुछ हो रहा है। फिल्म की तरह ही पुलिस यहां भी तब हरकत में आई, जब बदमाश वारदात कर मौके से फरार हो गए। इसके बाद पूरी पुलिस फोर्स घंटाघर पर पहुंच गई। बदमाशों का पीछा करने के बजाय क्राइम सीन को समझा जाने लगा और पुलिसिया तीर-तुक्के भी पूरी फिल्मी अंदाज में शुरू हो गए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें