ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंडकोरोना पॉजिटिवों की जान पर खतरा मंडराया,अस्पतालों में होने लगी ऑक्सीजन की किल्लत

कोरोना पॉजिटिवों की जान पर खतरा मंडराया,अस्पतालों में होने लगी ऑक्सीजन की किल्लत

उत्तराखंड के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराने लगा है। ऋषिकेश एम्स में मंगलवार रात ऑक्सीजन की किल्लत हो गई। मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर उनकी जान बचाई गई। रातों-रात हरिद्वार बीएचईएल से...

कोरोना पॉजिटिवों की जान पर खतरा मंडराया,अस्पतालों में होने लगी ऑक्सीजन की किल्लत
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वार। सागर जोशीThu, 06 May 2021 10:03 AM
ऐप पर पढ़ें

उत्तराखंड के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराने लगा है। ऋषिकेश एम्स में मंगलवार रात ऑक्सीजन की किल्लत हो गई। मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर उनकी जान बचाई गई। रातों-रात हरिद्वार बीएचईएल से ऑक्सीजन का इंतजाम किया गया, तब जाकर प्रशासन ने रहत की सांस ली।  वहीं, ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ने से एम्स ने कोविड मरीजों की भर्ती बंद कर दी है। बुधवार तड़के रुड़की सिविल अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी से एक घंटे तक मरीज, उनके परिजन और अस्पताल प्रशासन सांसत में रहे।  एम्स में छह सौ से अधिक कोविड मरीज भर्ती हैं। सभी ऑक्सीजन पर इलाज करवा रहे हैं। मंगलवार दोपहर ऋषिकेश एम्स से सिलेंडर भरवाने के लिए ट्रक हरिद्वार के बीएचईएल प्लांट पहुंचा।

रात तक वह वापस नहीं पहुंचा तो एम्स में हड़कंप मच गया। कई मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा। दूसरी ओर, यह मामला मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तक पहुंचा। उन्होंने तत्काल हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर से फोन पर संपर्क किया और भेल के प्लांट से ऑक्सीजन जल्द भरवाने के निर्देश दिए। देर रात डीएम और एसएसपी ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए जुट गए। डीएम ने रात में ही भेल के अफसरों से वार्ता की और सुबह करीब 4 बजे ऑक्सीजन से सिलेंडरों का ट्रक भरवाकर एम्स भेजा गया। रुड़की स्थित सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी  से कोरोना के 37 मरीजों की जान करीब एक घंटे तक अटकी रही।  

रुड़की में सोमवार रात निजी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से वहां भर्ती पांच लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद बुधवार को सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई। मंगलवार रात करीब दस बजे बीएचईएल में सिलेंडर भरने को भेजे थे लेकिन बुधवार सुबह तक सिलेंडर नहीं पहुंचे। इससे मरीजों के तीमारदारों व अस्पताल प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए। एक समय ऐसा भी आया जब एक सिलेंडर से कोविड वार्ड में भर्ती 37 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की गई, लेकिन सिलेंडर खत्म होने से पहले 20  सिलेंडर पंहुच गए। सीएमएस डॉ. संजय कंसल  ने कहा कि मंगलवार रात दस बजे ऑक्सीजन लेने को कर्मचारी भेल में भेज दिए थे। भीड़ अधिक होने से ऑक्सीजन पहुंचने में थोड़ी देरी हो गई थी।  

मुख्यमंत्री का फोन आने के बाद रात में व्यवस्था की गई। एम्स के चिकित्सक भी मेरे संपर्क में थे। बीएचईएल के अधिकारियों से बातचीत कर अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त होने से पहले ही ऑक्सीजन भिजवा दी गई। पहाड़ों से भी ऑक्सीजन के लिए गाड़ियां आई हुई थीं, लिहाजा भीड़ अधिक होने के कारण कुछ देर हुई थी।    
सी. रविशंकर, डीएम-हरिद्वार

मरीजों का दबाव बढ़ने से मंगलवार शाम छह बजे के आसपास अचानक ऑक्सीजन की लाइन में लो प्रेशर की समस्या आई। करीब तीन दर्जन मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्टकर सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन दी गई। देर रात स्थिति सामान्य हो पाई। एम्स के पास तीस हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है। उसे बढ़ाया जा रहा है। इन दिनों प्रतिदिन करीब 12 हजार लीटर ऑक्सीजन की खपत हो रही है। 
प्रोफेसर रविकांत, निदेशक-ऋषिकेश एम्स

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें