कोरोना: रेड जोन में शामिल हो चुके नैनीताल को दून ने पछाड़ा, देहरादून के रेड जोन में जाने का खतरा बढ़ा
देहरादून में मरीजों की संख्या रेड जोन में शामिल हो चुके नैनीताल जिले से भी ज्यादा हो गई है। ऐसे में अब देहरादून के रेड जोन में जाने का खतरा बढ़ रहा है। हालांकि रेड जोन का फैसला सिर्फ मरीजों की संख्या...
देहरादून में मरीजों की संख्या रेड जोन में शामिल हो चुके नैनीताल जिले से भी ज्यादा हो गई है। ऐसे में अब देहरादून के रेड जोन में जाने का खतरा बढ़ रहा है। हालांकि रेड जोन का फैसला सिर्फ मरीजों की संख्या के आधार पर नहीं होता, पर यदि मरीज बढ़ते रहे तो जिले के अन्य सूचकांक भी खराब हो जाएंगे।
देहरादून में गुरुवार को 36 नए मरीज मिलने के साथ ही जिले में मरीजों की संख्या 324 हो गई जबकि रेड जोन में शामिल नैनीताल में 310 मरीज हैं। देहरादून में एक्टिस केस 266 हैं और 47 मरीज ठीक हो चुके हैं।
मानकों के अनुसार, किसी भी जिले में यदि 200 से ज्यादा संक्रमित हैं तो वह रेड जोन में जा सकता है। दून में मरीजों के डबल होने की दर भी रेड जोन के मानक से अधिक है। जिले में प्रति लाख की आबादी पर एक्टिव केस 15 के करीब पहुंच गए हैं।
एक्टिव केस 15 से अधिक होने पर भी जिला रेड जोन में जाता है। हालांकि मृत्युदर, सैंपलिंग और सैंपल पॉजिटिव आने के मामले में जिला रेड जोन के मानकों से पीछे है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया ने बताया, छह मानकों के परीक्षण पर जिले की श्रेणी तय होती है। छह में से तीन मानक रेड जोन में होने पर जिला रेड जोन में शामिल कर लिया जाता है। रविवार को नए सिरे से जिलों की जोन निर्धारित किए जाएंगे।
जिलेवार कोरोना के मरीज
जनपद कोरोना के मरीज
देहरादून 259
नैनीताल 308
टिहरी 101
यूएसनगर 84
हरिद्वार 86
पौड़ी 42
अल्मोड़ा 64
पिथौरागढ़ 28
चमोली 25
उत्तरकाशी 22
बागेश्वर 23
चंपावत 36
रुद्रप्रयाग 08
प्राइवेट लैब 67
कुल 1153
कोरोना पर लगाम लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग को सबसे कारकर हथियार माना जा रहा है। लेकिन उत्तराखंड इस मामले में काफी पीछे नजर आ रहा है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड में फरवरी के अंत से ही सैंपलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जांच शुरू हुए तीन महीने से अधिक समय बीतने को है और इस दौरान महज 33,081 लोगों के सैंपल ही जांच को भेजे जा सके हैं।
पड़ोसी राज्य हिमाचल में अब तक 40,000 से अधिक सैंपलों की जांच हो चुकी है। पिछले 10 दिन में हुई सैंपलिंग को पैमाना बनाया जाए तो भी उत्तराखंड में हिमाचल और त्रिपुरा जैसे राज्यों से भी कहीं कम सैंपलिंग हुई है।
राज्य में फिलहाल पांच सरकारी और एक प्राइवेट लैब में कोरोना की जांच की जा रही है। इसमें से एक लैब बुधवार को ही शुरू हुई है।