कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में खतरनाक जानवरों से जान बचाएगी ‘जादुई’ छड़ी, हमले रोकने में होगी कारगर
यहां प्रयोग सफल रहा तो कॉर्बेट में गश्ती दल के हर सदस्य को स्मार्ट छड़ी देने की योजना है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गश्त के दौरान बाघ के हमले में पिछले दो सालों में करीब चार कर्मचारी जान गंवा चुके।
लाठी-टॉर्च लेकर गश्त करने वाले कॉर्बेट के कर्मचारियों के हाथ में जल्द ही ‘जादुई’ छड़ी दिखाई देगी। आधुनिक तकनीक से बनी ये स्मार्ट छड़ी जंगल की कठिन गश्त को आसान बनाएगी और अचानक खूंखार वन्यजीव सामने आने पर उससे सुरक्षा भी देगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ढिकाला और सर्पदुली रेंज में इसका परीक्षण किया जा रहा है।
यहां प्रयोग सफल रहा तो कॉर्बेट में गश्ती दल के हर सदस्य को स्मार्ट छड़ी देने की योजना है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गश्त के दौरान बाघ के हमले में पिछले दो सालों में करीब चार कर्मचारी जान गंवा चुके हैं। खतरों को कम करने के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने करीब 12 स्मार्ट छड़ी मंगाई है।
जिसमें पांच सर्पदुली रेंज और सात ढिकाला रेंज में गश्ती दलों को दी गई हैं। सीटीआर की सर्पदुली के रेंज अधिकारी बिंदरपाल सिंह कहते हैं कि कॉबिंग या गश्त के दौरान यह उपकरण उपयोगी साबित हो रहा है। मजबूत स्टील की यह छड़ी सोलर लाइट से चार्ज हो जाती है।
गश्त के दौरान खतरों से निपटने लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ढिकाला और सर्पदुली रेंज में स्मार्ट छड़ी दी गई हैं। नतीजे अच्छे रहे तो अन्य स्थानों पर भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
डॉ. धीरज पांडे, निदेशक, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
हमला रोकने में कारगर
पार्क में गश्त करने वाले कर्मचारियों पर हमले बढ़ने के बाद प्रबंधन ने लिया स्मार्ट छड़ी का सहारा
प्रयोग के तौर पर ढिकाला-सर्पदुली रेंज में गश्ती टीम को दी गई
नतीजे अच्छे रहने पर सभी वॉचरों को दी जाएगी स्मार्ट छड़ी
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