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कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घपले में जांच और कुछ नहीं...अब क्या बनेगा प्लान?

कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घपले की अब एक और नई जांच होगी। पुरानी जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को जो फाइल शासन पहुंची थी, उसे लौटा दिया गया था कि रिपोर्ट का अध्ययन होाग।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान, Tue, 21 Nov 2023 04:43 AM
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उत्तराखंड में हुए घपले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घपले की अब एक और नई जांच होगी। पुरानी जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को जो फाइल शासन पहुंची थी, उसे ये कह कर लौटा दिया गया है कि एकबार फिर पुरानी जांच समिति की रिपोर्ट का अध्ययन होगा।

इसके लिए तीन नई सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। जो पुरानी रिपोर्ट का अध्ययन कर बताएगी कि भर्ती हुए कर्मचारियों को बर्खास्तगी के नोटिस भेजे जाएं या नहीं। सहकारिता विभाग में 2021 में सभी जिला कोऑपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती की गई थी।

भर्ती पर विवाद खड़ा होने के बाद उसे रोक दिया गया था। बाद में 2022 के विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच में ही देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ बैंक ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर 223 लोगों को नौकरी दे दी गई थी।

सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम की ओर से भेजी गई फाइल के बाद पूर्व में की गई जांच की असलियत परखने के लिए रजिस्ट्रार आलोक पांडे ने एक नई तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी है। इस समिति में अपर निबंधक आनंद शुक्ला, ईरा उप्रेती, मंगला प्रसाद त्रिपाठी को सदस्य बनाया गया है। समिति पुरानी रिपोर्ट का अध्ययन कर बताएगी कि जांच सही हुई है या नहीं।

कई बार कराई जांच कोऑपरेटिव बैंक घपले की अभी तक कई बार जांच पड़ताल हो चुकी है। पहले संयुक्त निबंधक की जांच रिपोर्ट पर शासन ने न्याय, कार्मिक, वित्त से रिपोर्ट ली। अभी तक सिर्फ जांच ही जांच चल रही हैं। बैंकों में हुई भर्ती में अफसरों और नेताओं के काफी करीबी भी नौकरी पा गए थे।

जांच में उठाए थे गंभीर सवाल
बैंक भर्ती घपले में पुरानी समिति की रिपोर्ट में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इस रिपोर्ट के कारण बैंकों के बोर्ड और अफसरों की भूमिका पर सवाल उठे थे। बैंक के साथ ही सहकारिता से जुड़े अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही थी। इस रिपोर्ट के आधार पर बैंक मैनेजमेंट और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही थी।

शासन का पत्र प्राप्त हो गया है। इस पत्र के क्रम में एक तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी है। जो जांच रिपोर्ट की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के मिलने के बाद ही तय होगा कि आगे क्या किया जाए।
आलोक पांडेय, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव

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