उत्तराखंड में धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा, महिलाओं को 30% आरक्षण का तोहफा
उत्तराखंड राज्य विधानसभा ने बुधवार को बिना शोर गुल के महिला आरक्षण, धर्म स्वतंत्रता और विनियोग विधेयक सहित कुल 15 विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए हैं। राज्यपाल की मुहर लगने के बाद कानून बनेंगे।
उत्तराखंड राज्य विधानसभा ने बुधवार को बिना शोर-गुल के महिला आरक्षण, धर्म स्वतंत्रता और विनियोग विधेयक सहित कुल 15 विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए हैं। इन अहम विधेयकों पर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद ये सब कानून बन जाएंगे। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक पास होने से एक बड़ी अड़चन दूर हो गई है। अभी तक महिलाओं को आरक्षण की सुविधा एक सरकारी आदेश के जरिए मिल रही थी, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
राज्य विधानसभा ने जबरन या किसी लालच में कराए जाने वाले धर्मांतरण पर रोक के लिए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 भी पारित कर दिया है। सरकार 2018 में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बना चुकी है, लेकिन अब इसे और सख्त बना दिया गया है। इसे संज्ञेय बनाने के साथ ही अब गैर-जमानती बना दिया गया है।
जबरन एकल धर्मांतरण में अब दो से सात साल, जबकि सामूहिक धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा होगी। अवयस्क महिला, एससी, एसटी के धर्म परिवर्तन पर 2 से 10 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल तक की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "उत्तराखंड देवभमि है, यहां पर धर्मांतरण जैसी चीजें बहुत घातक है, इसलिए सरकार इस पर रोक के लिए कठोर कानून लेकर आई है। इस कानून को पूरी दृढ़ता से प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसी तरह उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति का बड़ा योगदान रहा है, सरकार ने यह पहले ही तय किया था कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में मातृशक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें इस क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।"
शीत सत्र के दूसरे दिन शाम सात बजे से सदन में विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित कुल छह विधायक ही मौजूद रहे। सबसे पहले विनियोग विधेयक को मंजूरी दी गई, इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।
इसके बाद क्रमवार संसदीय कार्य मंत्री सहित विभागीय मंत्रियों ने अपने- अपने विभागों के विधेयक पेश किए जिन्हें बिना बहस के पास पारित कर दिया गया। सबसे अंत में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया। उत्तराखंड में स्थानीय महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण जुलाई, 2001 से मिल रहा था। नित्यानंद स्वामी सरकार ने 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण शुरू किया था।
जुलाई 2006 में एनडी तिवारी सरकार ने इसे 30 फीसदी कर दिया। तब से एक जीओ के आधार पर महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण मिल रहा था। इस बीच प्रदेश से बाहर की कुछ अभ्यर्थियों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी तो कोर्ट से महिला आरक्षण पर रोक लग गई थी। अब कानून बन जाने के बाद इस आदेश को चुनौती देना मुश्किल होगा।
अदालत में आरोपियों के दोषी पाए जाने पर अब पीड़ित को पांच लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। विधेयक के अनुसार जबरन धर्म परिवर्तन कराने की सूचना मिलने पर अब कोई भी व्यक्ति मुकदमा दर्ज करा सकेगा। अभी तक संबंधित व्यक्ति के परिजन या रिश्तेदार ही मुकदमा दर्ज करा सकते थे।
5440 करोड़ का अनुपूरक बजट
सदन ने 5440 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट 2022-23 भी पास कर दिया है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, नंदा गौरा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट रखा गया है। पूर्व में सरकार ने 65 हजार 571 करोड़ का मूल बजट पेश किया था, लेकिन इसके बाद कुछ केन्द्रपोषित योजनाओं के लिए धनावंटन के साथ ही कुछ योजनाओं में किए गए एडवांस खर्च के चलते सरकार को कुल 5440.43 करोड़ रुपए अनुपूरक बजट लाना पड़ा।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रमुख राजस्व मदों में वेतन मद में 160 करोड़, मजदूरी के लिए 114 करोड़, पेंशन मद में 230 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसी तरह सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 58 करोड़ और राज्य आंदोलनकारी पेंशन मद में लगभग 20 करोड़ का अतिरिक्त प्राविधान किया गया है। राज्य सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास भावना से प्रेरित होकर सामाजिक कल्याण की योजनाओं के अनुरूप प्राविधान किया है।
सदन से पारित विधेयक
-बंगाल, आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक उपबंध) विधेयक 2022
-उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन ( रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2022
- पैट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022
- भारतीय स्टांप ( उत्तराखंउ संशोधन) विधेयक 2022
- उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2022
- उत्तराखंड कूड़ा फैंकना एवं थूकना प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2022
- उत्तराखंड जिला योजना समिति संशोधन विधेयक 2022
- उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक 2022
- हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक, 2022
-उत्तराखंड एवं नगर ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक, 2022
- उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन)(संशोधन), विधेयक 2022