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कांग्रेस ने आम बजट को क्यों बताया फ्लॉप, कहीं ये बातें, पढ़िए

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार आम बजट सदन में पेश किया। बजट से उत्तराखंड को उम्मीदें भी थीं। राज्य सरकार लम्बे समय से पर्यावरणी सेवाओं के बदले ग्रीन बोनस दिए जाने की वकालत...

कांग्रेस ने आम बजट को क्यों बताया फ्लॉप, कहीं ये बातें, पढ़िए
Himanshu Kumar Lallहिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 01 Feb 2021 02:43 PM
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार आम बजट सदन में पेश किया। बजट से उत्तराखंड को उम्मीदें भी थीं। राज्य सरकार लम्बे समय से पर्यावरणी सेवाओं के बदले ग्रीन बोनस दिए जाने की वकालत कर रही थी। इसके साथ ही राज्य में योग और आयुर्वेद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक पैकेज का अनुरोध किया गया था। इसके अलावा राज्य केंद्रीय सहायता में इजाफे के साथ ही मूल भूत सुविधाओं के विकास में भी केंद्र की मदद चाहता था।

बजट को निराशाजनक बजट करार देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के  प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए बजट में आम आदमी को कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। कहा कि  किसान वर्ग के लिए भी बजट में भी कोई विशेष प्रावधान नहीं होने से यह वर्ग भी ठगा महसूस कर रहा है। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सिंह ने कहा कि व्यापारियों की उम्मीदों पर बजट खरा नहीं उतरा है।

सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में बेरोजगारी मुख्य समस्या है।  बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में बेरोजगार वर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। बजट में ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं दिख रहा है जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिले। चिंता जताई है कि राज्य में सरकारी विभागों में विगत कई सालों से कई पद रिक्त पड़े हुए हैं और सरकार की ओर से रिक्त पदों को भरने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन में समाज का हर वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

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ऐसे में केंद्र सरकार को आमजन को राहत देने के लिए ठोस कदम बनाकर कार्य करने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि बजट में उत्तराखंड की भी अनदेखी की गई है। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देने की घोषणा करनी चाहिए थी। विशेष पैकेज मिलने की सूरत में प्रदेश में विकास को गति मिलती लेकिन अब यह भी संभव नहीं हो पाएगा। उत्तराखंड की अनदेखी अच्छी नहीं है। सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए सिर्फ बातें ही कर रही है, लेकिन विकास के नाम पर काम कुछ नहीं हो रहा है।

कहा कि कोरोनाकाल के बाद देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती है लेकिन चिंता की बात है कि केंद्र सरकार ने इस ओर कोई विशेष ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं की है। केंद्र सरकार ने विकास दर में तेजी लाने और निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई जिससे देश की प्रगति पर ब्रेक लगना अब आसान हो गया है। गांवों तक सड़कें पहुंचाने, स्वस्छ पीने का पानी, शिक्षा, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है। 

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बजट को खोखला करार देते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि बजट में कुछ भी ठोस नहीं है जिससे यह साबित होता है कि केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। रोजगार सृजन व निवेश पर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। आम जनता के लिहाज से देखा जाए तो बजट पूरी से फ्लॉप है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को अब अब मंहगाई की मार और अधिक झेलनी पड़ेगी। खाद्य पदार्थों, मोबाइल चार्जर सहित अन्य जरूरी सामानों के दाम बढ़ने से आम आदमी पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

कहा कि वेतन भोगी और सीनियर नागरिकों के इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं देने से उनके हाथ भी निराशा लगी है। मोबाइल फोन महंगा करने की घोषणा गलत कदम है।  सिंह ने कहा कि गैस सिलिंडर महंगे करने की घोषणा से आम आदमी की तो कमर ही टूट जाएगी। कहा कि सरकार को घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कमी करनी चाहिए थी नकि सिलेंडरों के दाम बढ़ाने की घोषणा। साथ ही, एलईडी व सोलर लाइट महंगा करने का निर्णय भी गलत है। कहा कि  इस बजट में मध्यमवर्गीय लोगों को कोई फायदा नहीं  मिला है। दाल, चावल, तेल, चाय पत्ती व खाने पीने की वस्तुयें महंगी है व महंगाई और बढ़ेगी । लगता है कि रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े सभी पारिवारिक चीजें महंगी ही रहेंगी ।

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