केदारनाथ आपदा में मृत दर्शाए दंपति के जिंदा होने के सबूत सरकार के पास पहुंचे, शासन में मचा हड़कंप
केदारनाथ आपदा में मारे गए एक दंपति के जिंदा होने के सबूत शासन को मिले हैं। सरकार इस दंपति के बेटे को दे चुकी है। अब उनके जिंदा होने के सबूत मिलने से अधिकारियों में खलबली मची है। एसपी रुद्रप्रयाग को...
केदारनाथ आपदा में मारे गए एक दंपति के जिंदा होने के सबूत शासन को मिले हैं। सरकार इस दंपति के बेटे को दे चुकी है। अब उनके जिंदा होने के सबूत मिलने से अधिकारियों में खलबली मची है। एसपी रुद्रप्रयाग को मामले की जांच सौंप दी गई है। मामले का खुलासा शासन को मिले एक शिकायती पत्र से हुआ है। अरविंद जिंदल पुत्र मुरलीधर अग्रवाल निवासी 53,डॉ.लालमोहन भट्टाचार्जी रोड, कोलकाता ने यह शिकायत की है। पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने मोहन जिंदल का मृत्यु प्रमाणपत्र संख्या 85/2013 और मीना जिंदल का मृत्यु प्रमाण पत्र संख्या 86/2013 से जारी किया है, जबकि मोहन जिंदल ने अक्तूबर, 2014 में अपनी कंपनी में बतौर निदेशक हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में आरोप लगाया गया है कि मोहन के पुत्र मनीष जिंदल ने अपने माता-पिता की मृत्यु की एफआईआर लिखवाई और इसी आधार पर मुआवजा ले लिया। इसके साक्ष्य भी सरकार को उपलब्ध कराए गए हैं। बताया गया कि मृत्यु के बाद संबंधित परिवार ने क्रियाकर्म समेत धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं कराया। इसके चलते मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले अभिहित अधिकारी नारायण सिंह डांगी ने एसपी रुद्रप्रयाग को मामले में जांच करने को लेकर पत्र भेज दिया है।
सचिव आपदा सतर्क : मामले की गंभीरता को भांपते हुए सचिव आपदा अमित नेगी भी सतर्क हो गए हैं। उन्होंने तत्काल इस मामले में मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल को भी पत्र भेज दिया है। उन्होंने तत्काल इस मामले में जांच कराने की मांग है।
इस मामले में जिसने शिकायत की है, वो मृतक के साथ कारोबार में साझीदार था। दोनों के बीच संपत्ति को लेकर कुछ विवाद रहा। अब बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, उसकी ओर से फैक्ट्री के कई कागजों में निधन के बाद भी साइन किए गए हैं। इसके साक्ष्य भी शिकायत करने वाले ने उपलब्ध कराए हैं। मामले में जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।
एनएस डांगी, अभिहित अधिकारी जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अन्य राज्य (श्रेणी 03) रुद्रप्रयाग