हाईकोर्ट नैनीताल ने सोमवार को चार चीनी नागरिकों के अपने वतन वापसी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 13 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। चीनी नागरिक वांग गुवांग, शू जेन, निहेपैंग और लियोजीनकांग 2018 में भारत घूमने के लिए आये थे। उन्हें मुम्बई पुलिस ने सोने की तस्करी करने के आरोप में बंदी बना लिया था।
बाद में इन लोगों को महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था। वर्ष 2019 में उत्तराखंड पुलिस ने इन्हें बनबसा में गिरफ्तार कर लिया। इन पर आरोप लगाया कि ये बनबसा के रास्ते नेपाल जा रहे थे। इनके पास से भारत की फर्जी वोटर आईडी भी बरामद की गई। पुलिस ने फर्जी वोटर आईडी बनाने के आरोप में इनके खिलाफ आईपीसी के तहत केस दर्ज किया।
निचली अदालत ने फर्जी वोटर आईडी बनाने के कारण इनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ इन्होंने हाईकोर्ट में जमानती प्रार्थना पत्र दिया। पूर्व में हाइकोर्ट ने इनकी जमानत मंजूर कर कहा था कि चारों आरोपी प्रति सप्ताह बनबसा थाने में अपनी हाजिरी देंगे। चारों ने अपने वतन वापसी को लेकर याचिका दायर की है। सोमवार को कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है।