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त्रिवेंद्र सरकार देगी ‘सुशासन पुरस्कार’,बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने के लिए नई पहल

बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए सरकार अधिकारियों के लिए लापरवाही और भ्रष्टाचार पर दंड के साथ साथ अच्छे काम करने पर प्रोत्साहन की नीति अपना रही है। इसी क्रम में सरकार सभी स्तर के अधिकारियों के...

त्रिवेंद्र सरकार देगी ‘सुशासन पुरस्कार’,बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने के लिए नई पहल
लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून | संजीव कंडवालSat, 27 Oct 2018 11:48 AM
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बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए सरकार अधिकारियों के लिए लापरवाही और भ्रष्टाचार पर दंड के साथ साथ अच्छे काम करने पर प्रोत्साहन की नीति अपना रही है। इसी क्रम में सरकार सभी स्तर के अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार शुरू करने जा रही है। राज्य स्थापना दिवस पर चयनित अधिकारियों के नामों की घोषणा होगी। भ्रष्टाचार की शिकायत पर दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही अन्य स्तर पर सख्ती बरतने के बाद अब सरकार अच्छे काम करने वाले अधिकारियों की सुध लेने जा रही है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग सभी स्तर के अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार शुरू करने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों के नाम की घोषणा राज्य स्थापना दिवस पर होगी। सभी विभागों को ऐसे अधिकारियों की लिस्ट बनाने को कहा गया है। विभागों द्वारा भेजे गए नामों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय चयन समिति भी बना दी गई है। इसमें प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव आरके सुधांशु, नितेश झा, राधिका झा व दिलीप जावलकर को शामिल किया गया है। इसके लिए मुख्य सचिव की ओर से विधिवत आदेश जारी किए गए हैं।  

जमीनी स्तर के अधिकारी होंगे शामिल 
सूत्रों के अनुसार पुरस्कार में सचिवालय और विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों के बजाय जमीनी स्तर पर शासन- प्रशासन की कमान संभालने वाले अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। इनमें तहसीलदार, एसडीओ, वीडीओ जैसे अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। वर्तमान में अच्छे काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिंदा विभागों के इतर कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए सरकारी व्यवस्था में अच्छे काम करने वाले अधिकारी भी अपेक्षाकृत सुस्त और भ्रष्ट अधिकारियों के समान ही गिने जाते हैं। सरकार का यह मानना है कि भ्रष्टाचार पर सजा और दंड का प्रावधान तो है लेकिन अच्छे काम को प्रोत्साहन देने की कोई योजना नहीं है।

भोजनमाताओं को वर्दी भत्ते के रूप में मिलेंगे एक हजार रुपये 
सरकारी स्कूलों की 26 हजार से ज्यादा भोजनमाताओं को वर्दी भत्ते के रूप में एक-एक हजार रुपये मिलेंगे। सरकार ने इसके लिए करीब तीन करोड़ रुपये के बजट का प्रवधान किया है। शुक्रवार को इसे जारी करने को मंजूरी दे दी गई। सूत्रों के अनुसार दिवाली बोनस के रूप में एक हजार रुपये देने की तैयारी भी की जा रही ही। 


 


 

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