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77 फीसदी घरों को सीधे नल से पहुंचाएं पानी: सीएम त्रिवेंद्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर को सीधे नल से जल योजना पर जोर दिया। उन्होंने उत्तराखंड के 77% घर सीधे नल से जोड़ने का लक्ष्य भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।...

77 फीसदी घरों को सीधे नल से पहुंचाएं पानी: सीएम त्रिवेंद्र रावत
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 14 Oct 2019 03:32 PM
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर को सीधे नल से जल योजना पर जोर दिया। उन्होंने उत्तराखंड के 77% घर सीधे नल से जोड़ने का लक्ष्य भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। प्रेमनगर रोड के एक क्लब में रविवार को इंडियन वाटरवर्क्स एसोसिएशन के सेमिनार में मुख्यमंत्री भी पहुंचे। उन्होंने इस दौरान कहा कि हर घर तक नल के जरिए साफ पानी पहुंचाना होगा। केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय की ‘हर घर को नल से जल’ योजना उत्तराखंड में भी जमीन पर उतारी जाएगी। इसके लिए विभागीय इंजीनियरों को ट्यूबवेल का कम से कम इस्तेमाल के लिए कहा गया है। उन्होंने स्रोत आधारित ग्रेविटी की योजनाओं को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल और लिफ्टिंग वाली पम्पिंग योजना के बिजली बिल पर ही सालाना 60 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ग्रेविटी की योजनाओं से इस खर्च को कम किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार पेयजल सप्लाई ज्यादा से ज्यादा ग्रेविटी आधारित करने की तैयारी में है। सौंग, मलढुंग, जमरानी और पंचेश्वर बांध के जरिये पानी की जरूरत को भी पूरा किया जाएगा। पौड़ी, गैरसैंण, चंपावत समेत कई जिलों में ग्रेविटी आधारित पेयजल योजनाओं पर काम चल रहा है।


मुख्यमंत्री बोले देहरादून में 350 दिन में तैयार होगा सौंग बांध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंग बांध बनने के बाद देहरादून की 60% पेयजल सप्लाई पूरी तरह ग्रेविटी आधारित हो जाएगी। इस बांध का काम पहले तीन साल में पूरा करने की बात कही गई। काम जब जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य दिया गया तो अब 350 दिन में ही 128 मीटर ऊंचा बांध बना लिया जाएगा। सूर्यधार प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो गया है। इससे 29 गांवों को पानी मिल सकेगा।

‘अब नहीं करूंगा पानी के रेट बढ़ने का विरोध’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का रेट बढ़ने का लोग विरोध करते हैं। जबकि, एक दिन जब वो एक गेस्ट हाउस में रुके और पूरे दिन में छह बोतल पानी पिया तो उसका मूल्य 90 रुपये बताया गया। यह सुनकर वो चौंके और कहा कि उनके घर का एक माह का पानी बिल ही सौ रुपये आता है। इसलिए यदि कभी 5-10 रुपये का इजाफा हो जाए तो उसका विरोध नहीं होना चाहिए। जरूरत मानसिकता बदलने की है।

इंजीनियरों को अहम जिम्मेदारी
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में इंजीनियरों को कम सम्मान मिलता है। गुजरात समेत दूसरे राज्यों में विभागाध्यक्ष समेत सचिव के पदों पर भी इंजीनियर जिम्मा संभाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिस सफल गुजरात मॉडल की चर्चा पूरे देश में है, उसे जमीन पर उतारने वाले इंजीनियर ही हैं।

पानी को बचाना और साफ भी रखना होगा
रुड़की आईआईटी के प्रोफेसर डॉ. एए काजमी ने बताया कि एसटीपी के पानी को साफ कर उसे अधिक से अधिक इस्तेमाल  में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कीर्तिनगर में पांच केएलडी एसटीपी के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी इसकी गुणवत्ता पर मुहर लगा चुका है। आईआईटी दिल्ली के प्रवक्ता डॉ. विवेक कुमार ने कहा कि एसटीपी के पानी को खेती, उद्योग और गार्डनिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है। एनआईटी नागपुर के डॉ. राजेश गुप्ता ने पेयजल नेटवर्क को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सही नेटवर्किंग से लीकेज कम करने के साथ ही बेहतर सप्लाई की जा सकती है। गोवा लोनिवि के प्रमुख अभियंता उत्तम पार्सेकर ने पेयजल का ऐसा ढांचा तैयार करने पर जोर दिया, जो लंबे समय तक टिक सके।

24 घंटे पानी देने की योजना पर काम शुरू
एमडी जल निगम भजन सिंह ने कहा कि अल्मोड़ा में कोसी बैराज के कारण अल्मोड़ा शहर की पेयजल सप्लाई को सुधारने में बड़ी मदद मिली है। अब सौंग बांध से देहरादून को भी राहत मिलेगी। राज्य में हर घर को नल से जल की दिशा में पहले ही प्रयास शुरू हो गए हैं। 22 पेरी अरबन क्षेत्रों को 
24 घंटे मीटर लगे नल से पानी की योजना पर काम शुरू हो गया है।

इन्होंने की शिरकत
इस अवसर पर अपर सचिव उदयराज सिंह, इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केके सौंगरिया, गोवा के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता उत्तम पार्सेकर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, प्रबंध निदेशक पेयजल निगम भजन सिंह और मुख्य अभियंता वीसी पुरोहित समेत कई लोग मौजूद रहे।

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