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केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा रूट में किया यह काम तो नहीं बनेगी बात, FIR के बाद जेल में कटेगी रात

यूपी सहित देश के किसी भी राज्य से अगर आप केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा-2023 पर जाने के लिए प्लान बना रहें हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। यह काम करने पर केस दर्ज के साथ जेल भी हो सकती है।

केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा रूट में किया यह काम तो नहीं बनेगी बात, FIR के बाद जेल में कटेगी रात
Himanshu Kumar Lallहिन्दुस्तान टीम, देहरादूनSat, 25 Mar 2023 07:34 PM
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Char Dham Yatra 2023: यूपी सहित देश के किसी भी राज्य से अगर आप केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा-2023 पर जाने के लिए प्लान बना रहें हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। चार धाम यात्रा रूट पर अगर आपने यह काम किया तो आपके खिलाफ केस दर्ज होने के साथ ही आपको जेल भी हो सकती है।

इसके अलावा, चार धाम पर जाने से पहले तीर्थ यात्रियों के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी श्रद्धालु को चार धाम में दर्शन को अनुमति नहीं दी जाएगी। चार धाम यात्रा रूट पर बुजुर्ग, बच्चे और  महिला तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम तक ले जाने में अहम भूमिका निभाने वाले बेजुबान घोड़े खच्चरों की सुरक्षा के लिए इस बार उत्तराखंड सरकार की ओर से सख्त इंतजाम रहेंगे।

पशु क्रूरता करने पर तीर्थ यात्रियों सहित संचालकों के खिलाफ भी सख्त एक्शन होगा। पशु क्रूरता करने के पर केस दर्ज करने से लेकर आरोपी को जेल भी हो सकती है।  सरकार की ओर से गाइडलाइन की ओर से घोड़े खच्चरों के खाने-पीने और आराम को लिए व्यवस्था की जा रही है। पशु क्रूरता का कोई भी मामला प्रकाश में आने पर दोषी के खिलाफ तत्काल एफआईआर करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

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पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा भी 15 अप्रैल तक केदारनाथ रूट का मुआयना करने जाएंगे। बहुगुणा ने शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि बीते साल के अनुभवों के आधार पर इस साल पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई है। पशुओं के उपचार और उनके स्वास्थ्य जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम तैनात की जा रही है। 

इसमें 10 चिकित्सक और दस सपोर्टिंग स्टॉफ होगा। 
इसके साथ ही पूरे यात्रा मार्ग पर पशुओं पर क्रूरता की रोकथाम के लिए 20 सदस्यीय एसओएस टीम भी तैनात रहेगी। गौरीकुंड में 1500 घोडे-खच्चरों के आराम और चारे की व्यवस्था के लिए शेड बनाया जा रहा है।  पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि पशु क्रूरता का मामला सामने आने पर तत्काल एफआईआर की कार्रवाई की जाए।

110 करोड़ की आमदनी हुई थी घोडा-खच्चर संचालकों को: पिछले साल यात्रा के दौरान अकेले रुद्रप्रयाग में ही घोड़ा खच्चर संचालकों को 110 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। जबकि हेलीसेवा से जुड़ी कंपनियां 75.40 करोड़ तक ही पहुंच पाई थी। बहुगुणा ने कहा कि घोड़ा-खच्चर वास्तव में स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन उनकी सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

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प्रोटीनयुक्त मिलेगा चारा, हर किलोमीटर पर गरम पानी 
पशुपालन मंत्री के अनुसार पिछली बार यात्रा के दौरान शिकायत में मिली थी कि घोड़े खच्चरों को सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। उस दौरान पशुओं के मरने की एक बडी वजह स्वास्थ्य खराब और भूख भी रहा। इस बार यात्रा मार्ग पर हर किलोमीटर पर गरम पानी की नाद और गीजर लगाया जा रहा है। इससे पशुओं को पीने को गरम पानी मिलेगा। इसके साथ ही पशुपालक को चारे में मिनरल पाउडर भी देना होगा।

उत्तराखंड को मिलेंगी 35 नई पशु चिकित्सा एंबुलेंस
बहुगुणा के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य को 35 नई पशु चिकित्सा एंबुलेंस देने पर सहमति दे दी है। राज्य सरकार ने हर ब्लॉक में एक-एक एंबुलेस रखने का निर्णय किया था। 35 नई एंबुलेंस मिलने से हर ब्लॉक में यह सुविधा मिलने लगेगी।

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यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चरों के लिए वन-वे व्यवस्था रहेगी
एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि इस बार गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चरों के लिए वन वे की व्यवस्था की गई है। साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन वाले घोड़ा-खच्चरों को धाम जाने की अनुमति नहीं होगी। अतिरिक्त शुल्क वसूलने की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने चारधाम यात्रा के सुगम और बेहतर संचालन का रोड मैप सामने रखा।  घोड़ा-खच्चरों के लिए 10 मार्च से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जानकीचट्टी से दो किमी पीछे फूलचट्टी में इस बार घोड़ा पड़ाव बनाया गया है, जहां से सभी घोड़े-खच्चर नियमानुसार धाम के लिए जा सकेंगे। इस बार एक दिन में 1200 घोड़े-खच्चरों को ही धाम जाने की अनुमति होगी।

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उन्होंने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर दुर्घटना संभावित 250 से अधिक जोन चिह्नित किए गए हैं। इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी इस बार वहां की लोकल भाषा से संबंधित पोस्टर, फ्लैक्सी आदि मार्गों पर लगाई जाएगी, जिससे यात्रियों को धामों के बारे में आसानी से पता चल सकेगा। उन्होंने यात्रियों से सरकारी वेबसाइटों से ही धामों के लिए पंजीकरण की अपील की।

केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने में मौसम बन रहा बाधा
केदारनाथ पैदल मार्ग पर लोनिवि डीडीएमए द्वारा बर्फ हटाने का काम जारी है। हालांकि लगातार खराब मौसम केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने में खलल डाल रहा है। शुक्रवार को भी मौसम ने मजदूरों के हाथ रोक दिए। बर्फबारी के कारण मजदूरों का काम प्रभावित हुआ।

ठीक एक महीने बाद भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इस लिहाज से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी विभागों को यात्रा तैयारियों को युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए हैं किंतु लगातार बारिश और बर्फबारी से यात्रा तैयारियों में मुश्किलें पैदा हो रही है। लोनिवि डीडीएमए ने पूर्व में केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही करा दी थी किंतु फिर बर्फबारी हो गई।

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ये विभाग भी कर रहे तैयारियां
जल संस्थान द्वारा यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराए जाने के लिए पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपंप एवं पेयजल लाइनों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है। घोड़े-खच्चरों को पानी देने के लिए चरियों की मरम्मत एवं निर्माण किया जा रहा है। सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी में पड़े कचरे की भी सफाई के लिए पर्यावरण मित्रों द्वारा तेजी से सफाई की जा रही है। 

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चारों धामों व्हाट्सअप सहित चार विकल्पों से कराएं पंजीकरण 
यात्रियों को आधार कार्ड के साथ यात्रा करनी होगी। पंजीकरण में भी आधार कार्ड नंबर दर्ज करना होगा। यात्री वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे। व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा। टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा।

गाड़ियों के लिए यहां करें पंजीकरण
बाहर से आने वाले वाहनों के लिए greencard.uk.gov.in पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इस वेबसाइट पर पंजीकरण ग्रीन कार्ड बनाए जा सकते हैं। ग्रीन कार्ड चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी कमर्शियल वाहनों का बनता है। इसमें वाहन और ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी होती है। इसके बाद सभी कागजात साथ में रखने की जरूरत नहीं होगी। वाहन का तकनीकी और भौतिक दशा का निरीक्षण करने के बाद यह कार्ड दिया जाएगा। अप्रैल प्रथम सप्ताह से ग्रीन कार्ड बनने शुरू होंगे। इसके साथ ही ट्रिप कार्ड बनेंगे। ट्रिप कार्ड में यात्रियों का पूरा डिटेल होगा।

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