उद्यान घपले से अब सीबीआई उठाएगी पर्दा, एसआईटी जांच से असंतुष्ट पर हाईकोर्ट नैनीताल का आदेश
उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं। जिन लोगों के खिलाफ घपले के सबूत मिले, एसआईटी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं। मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायाधीश राकेश थपलियाल की खंडपीठ अब तक हुई एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं हुई। जांच रिपोर्ट देखने के बाद खंडपीठ का कहना था कि जिन लोगों के खिलाफ घपले के सबूत मिले हैं, एसआईटी ने उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
मामले में रानीखेत निवासी दीपक करगेती ने जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि उद्यान विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच एसआईटी ठीक से नहीं कर रही। मामले के असल दोषियों को बचाया जा रहा है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए, लेकिन सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी। कोर्ट ने पूर्व में एसआईटी से अब तक की गई जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। एसआईटी की जांच रिपोर्ट देखने पर कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुई थी।
यह था मामला
जनहित याचिका में उद्यान विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा था कि उद्यान विभाग द्वारा एक ही दिन में वर्क ऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया गया है। जिसका भुगतान भी कर दिया गया। याचिका में बताया गया कि इस पूरे मामले में कई वित्तीय अनियमितताएं एवं गड़बडियां हुई थीं।
शीतकालीन सत्र में उद्यान निदेशक द्वारा पहले एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों रुपये की पौध खरीद का काम दिया गया। जब मामला सामने आया तो आनन-फानन में अनिका ट्रेडर्स के आवंटन को रद करने का पत्र जारी कर दिया गया।
फिर भी पौधे अनिका ट्रेडर्स के बांटे गए। नैनीताल में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर उद्यान निदेशक डॉ.बवेजा ने एक फर्जी आवंटन जम्मू-कश्मीर की एक और नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया। जिसमें हुए भौतिक सत्यापन में भी गड़बड़ी पकड़ी गई। इनवॉयस बिल आने से पहले ही बरकत एग्रो फार्म को भुगतान कर दिया गया। बिलों पर अकाउंटेंट के बिना हस्ताक्षर के ही करोड़ों रुपये ठिकाने लगा दिए गए।
उद्यान निदेशक का हुआ था निलंबन
उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच को लेकर जब दबाव बढ़ा तो शासन ने बीते जून माह में उद्यान निदेशक डॉ.एचएस बवेजा को निलंबित कर दिया था। डॉ.बवेजा के खिलाफ कीवी फल पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक के बीज वितरण में देरी करने, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने सहित कई अन्य आरोप हैं।
इस साल तीसरे मामले की जांच सीबीआई को भेजी
उत्तराखंड में हो रहे भ्रष्टाचार एवं घपलों के मामले में सरकार को उच्च न्यायालय से लगातार झटके लग रहे हैं। इस साल यह तीसरा मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने एसआईटी जांच को लचर एवं सही न मानते हुए सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। इससे पहले कॉर्बेट नेशनल पार्क में हुए पेड़ कटान घोटाले और हरिद्वार की पंतद्वीप पार्किंग ठेके को आगे बढ़ाने से जुड़े मामले में भी हाईकोर्ट सीबीआई से जांच कराने के आदेश दे चुका है।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।