डीएफओ के खिलाफ मुकदमे के आदेश, जानिए कारण
सहस्रधारा में वन भूमि कब्जाकर रिजॉर्ट बनाने वाले डीएफओ पर मुकदमे के साथ ही विभागीय कार्रवाई भी होगी। वन भूमि पर अतिक्रमण की समीक्षा में पीसीसीएफ जयराज ने सीसीएफ-गढ़वाल जीएस पांडेय को जांच के आदेश किए।...
सहस्रधारा में वन भूमि कब्जाकर रिजॉर्ट बनाने वाले डीएफओ पर मुकदमे के साथ ही विभागीय कार्रवाई भी होगी। वन भूमि पर अतिक्रमण की समीक्षा में पीसीसीएफ जयराज ने सीसीएफ-गढ़वाल जीएस पांडेय को जांच के आदेश किए। आपके अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने ‘सहस्रधारा को बचाइए’ अभियान के तहत इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू की गई। वन मुख्यालय में गुरुवार को समीक्षा बैठक में यह मसला उठा कि करीब 20 बीघा वन भूमि पर अवैध कब्जे चिह्नित हो चुके हैं। ज्यादातर भूमि प्लॉटिंग करके बेच दी गई हैं। कुछ जमीनों में अवैध रिजॉर्ट, होटल और सुलभ शौचालय बना दिए गए। वन विभाग के सर्वे में यह भी पता चला कि डीएफओ इंद्रेश उपाध्याय के ‘ईश रिजॉर्ट’ में करीब छह बीघा वन भूमि शामिल है। यह जानकारी मिलने पर पीसीसीएफ जयराज नाराज हो गए और उन्होंने डीएफओ के खिलाफ मुकदमा और विभागीय कार्रवाई के साथ वन भूमि एक महीने में खाली करवाने के निर्देश दे दिए। डीएफओ मसूरी कहकशां नसीम को सभी कब्जेदारों को फॉरेस्ट ऐक्ट के तहत नोटिस भेजने के निर्देश भी दिए। वहीं सॉइल कंजर्वेशन डिवीजन लैंसडौन में डीएफओ इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि ईश रिजॉर्ट उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज है। यह जमीन हमने बाकायदा रजिस्ट्री कराकर ही खरीदी है। अगर इसमें कोई वन भूमि आ रही है तो यह राजस्व विभाग की लापरवाही है। इस प्रकरण में मेरा कोई दोष नहीं है।
सभी कब्जेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जहां तक डीएफओ का सवाल है तो उनके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण हटेगा और एफआईआर दर्ज कराने के साथ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
जयराज, पीसीसीएफ उत्तराखंड