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त्रिवेंद्र सरकार के ज्यादातर मंत्री जिला योजना को लेकर लापरवाह

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जिला योजना के प्रति कई प्रभारी मंत्रियों के लचर रवैये से खफा हैं। उनके निर्देश के बावजूद अब तक यशपाल आर्य, डॉ. धन सिंह रावत और सुबोध उनियाल ने ही जिला योजना की बैठकें की...

 त्रिवेंद्र सरकार के ज्यादातर मंत्री जिला योजना को लेकर लापरवाह
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनSat, 15 Jun 2019 02:31 PM
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जिला योजना के प्रति कई प्रभारी मंत्रियों के लचर रवैये से खफा हैं। उनके निर्देश के बावजूद अब तक यशपाल आर्य, डॉ. धन सिंह रावत और सुबोध उनियाल ने ही जिला योजना की बैठकें की हैं। बाकी प्रभारी मंत्री ये बैठकें कराना ही भूल गए। नतीजा यह रहा कि विकास के काम में अड़चनें आने लगी हैं। जिला योजना मंजूर नहीं होने से बजट नहीं मिल पा रहा है। इससे नाराज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रभारी मंत्रियों को पत्र भेजकर 30 जून तक जिला योजना की बैठकें कराने को कहा है। इस पत्र में कहा गया कि जिला योजना के अनुमोदन में देरी से संबंधित जिले के विकास पर असर पड़ता है। यह राज्य हित में नहीं। इसलिए सभी प्रभारी मंत्रियों को समुचित प्रयास करने चाहिए। इधर, चमोली-रुद्रप्रयाग के प्रभारी मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत थे। सेहत खराब होने पर वो बैठकें नहीं कर पाए। चमोली में उन्होंने 25 जनवरी को बैठक की थी।

ये मंत्री फिलहाल सबसे आगे
देहरादून के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य, पौड़ी के प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल, उत्तरकाशी के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत 11 जून को अपने जिलों में जिला योजना की बैठकें कर चुके हैं। धन सिंह के पास टिहरी जिला भी है। टिहरी की बैठक 18 जून को प्रस्तावित है। केवल ये तीन मंत्री फिलहाल सबसे आगे हैं।

यह है स्थिति

  • मदन कौशिक: नैनीताल में जिला योजना की आखिरी बैठक सात मई 2018 को हुई। यूएसनगर में पिछली बैठक फरवरी 2019 में हुई थी।
  • सतपाल महाराज: हरिद्वार में 28 मई 2018 के बाद से जिला योजना की बैठक नहीं कराई गई है।
  • हरक सिंह रावत: अल्मोड़ा में जिला योजना की पिछली बैठक फरवरी में हुई। अब 29 जून को प्रस्तावित है।
  • अरविंद पांडेय: पिथौरागढ़ में दो फरवरी को बैठक हुई थी। अगली बैठक तय नहीं। चंपावत में जिला योजना बैठक 21 दिसंबर 2018 को हुई थी। अगली बैठक 15 दिन के भीतर प्रस्तावित है।
  • रेखा आर्य: बागेश्वर में पिछली बैठक 16 अगस्त 2018 को हुई थी। अब इस साल 20 जून को प्रस्तावित है।=


इसलिए जरूरी है बैठक
विकास कार्य समय पर पूरे कराने के लिए जिला योजना बैठक अहम होती है। वित्त विभाग के अनुसार, जिला नियोजन समिति विभागवार और योजनावार जिला योजना मंजूर करती है। इसके बाद ही सरकारी विभाग धन खर्च कर सकते हैं। प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि वो जिला योजना समिति की बैठक में इसका अनुमोदन जल्द से जल्द कराकर नियोजन विभाग को भिजवा दें।

आम चुनाव की आचार संहिता से जिला योजना की बैठकों में कुछ देरी हुई है। 30 जून से पहले सभी जिलों की जिला योजना बैठकें करा ली जाएंगी। 
मदन कौशिक, प्रभारी मंत्री-नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर

मैंने आचार संहिता देखते हुए बैठक कर ली थी। मैं देखता हूं कि क्या लंबित है। राज्य के विकास के विषय पर किसी स्तर पर समझौता नहीं करूंगा।
अरविंद पांडे, प्रभारी मंत्री, पिथौरागढ़ और चंपावत

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