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कैबिनेट मीटिंग:नर्सिंग भर्ती के लिए अब एक साल का अनुभव जरूरी नहीं, पढ़ें अन्य फैसले 

राज्य सरकार ने बेरोजगारों को राहत देते हुए अब नर्सिंग भर्ती में एक साल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।  शुक्रवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह...

कैबिनेट मीटिंग:नर्सिंग भर्ती के लिए अब एक साल का अनुभव जरूरी नहीं, पढ़ें अन्य फैसले 
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनFri, 15 Jan 2021 10:38 PM
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राज्य सरकार ने बेरोजगारों को राहत देते हुए अब नर्सिंग भर्ती में एक साल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।  शुक्रवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि पूर्व में नर्सिंग भर्ती में एक वर्ष का अनुभव रखा गया था। इसे अब समाप्त कर दिया गया है।

ये स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा दोनों विभागों पर लागू होगा। राज्य में अब जितने भी अशासकीय महाविद्यालय हैं, उन्हें श्रीदेव सुमन विवि समेत राज्य के अपने विवि की संबद्धता लेनी होगी। जो अशासकीय महाविद्यालय ऐसा नहीं करेंगे, उनका अनुदान बंद कर दिया जाएगा। क्योंकि एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि दूसरे विवि से संबद्ध महाविद्यालयों को अनुदान राज्य सरकार दे। 

केंद्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों का अनुदान समाप्त
प्रदेश कैबिनेट ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध अशासकीय कॉलेजों का अनुदान समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुदान लेने के लिए अब इन कॉलेजों को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की सम्बद्धता लेनी होगी। इस फैसले का असर देहरादून के डीएवी, डीबीएस सहित 16 अशासकीय कॉलेजों पर पड़ेगा।  

शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। राज्य सरकार काफी समय से अशासकीय कॉलेजों को गढ़वाल विश्वविद्यालय  की सम्बद्धता छोड़ते हुए, राज्य विश्वविद्यालय से जुड़ने के लिए कह रही है।  लेकिन कॉलेज गढ़वाल विवि का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अब सरकार  ने कैबिनेट निर्णय के जरिए कॉलेजों के सामने विकल्प सीमित कर दिए हैं। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक्ट में अनुदान का प्रावधान नहीं है, इसलिए इन कॉलेजों को अनुदान के लिए  राज्य विश्वविद्यालय श्रीदेव सुमन से सम्बद्धता लेनी होगी।

इस फैसले का तत्काल असर देहरादून के डीएवी, डीबीएस, एसजीआरआर, एमकेपी सहित 16 अशासकीय कॉलेजों पर पड़ेगा।  अनुदान से ही इन कॉलेजों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों का वेतन जारी होता है। इसलिए अशासकीय कॉलेज इस फैसले के खिलाफ आंदोलरत हैं। हालांकि सरकार के सख्त तेवरों के बीच हरिद्वार जिले के कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि से सम्बद्धता के लिए सहमत हो चुके हैं। 

कैबिनेट के प्रमुख फैसले
-उत्तराखंड उच्च शिक्षा पुस्तकालय सेवा संवर्ग सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी 
-राठ महाविद्यालय पैठाणी में 16 पद किए खत्म
-इकफाई यूनिवर्सिटी का नाम अब इकफाई यूनिवर्सिटी हैदराबाद तेलंगाना होगा 
-खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के बुनकर, सिलाई कारीगरों में 50 फ़ीसदी होगा इजाफा
 -महिला उद्यमियों की योजना समिति में दो प्रतिनिधि शासन स्तर पर होंगे
-उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अध्यक्ष और सचिव की नियुक्ति नियमावली को मंजूरी
-चिकित्सा परिवार कल्याण बोर्ड में कार्यरत 366 कर्मियों का समायोजन को हरी झंडी
-सौ दिन के रियलिटी शो को मंजूरी 
- अब विभाग स्वयं करने अपने टेंडर
-आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर छोड़ने वाली नियमावली को मंजूरी

 

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