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उत्तराखंड में नहीं जाएगी सीएम त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी ? जानें क्या बोले बीजेपी अध्यक्ष

उत्तराखंड में मचे सियासी तूफान के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में ही...

उत्तराखंड में नहीं जाएगी सीएम त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी ?  जानें क्या बोले बीजेपी अध्यक्ष
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 08 Mar 2021 06:39 PM
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उत्तराखंड में मचे सियासी तूफान के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में ही लड़ा जाएगा। उन्होंने प्रदेश में हो रहे नेतृत्व परिवर्तन की सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की  कोई गुंजाइश नहीं है। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज सोमवार को अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद करते हुए दिल्ली रवाना हो गया गए थे। उनके दिल्ली जाने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं का बाजार भी बहुत गर्म हो गया था। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में शनिवार को चले सियासी ड्रामे के बीच अब असंतुष्ट विधायकों को साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हुईं थीं।  

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने भी प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की सभी अटकलों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम को पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हैं। भाजपा के कई विधायकों के नई दिल्ली में डेरा डालने के सवाल पर सांसद भट्ट ने कहा कि मंत्री व विधायकों का दिल्ली आना-जाना लगा रहता है ताकि केंद्र की विकास योजनाओं को अपने-अपने क्षेत्र में लागू कराया जा सके। भट्ट ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार का 18 मार्च को चार साल का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है, इसलिए सांसदों व विधायकों के साथ बैठक भी की जा रही है। दावा किया है कि भाजपा में सभी नेता एकजुट हैं  और पार्टी व देश सहित प्रदेश हित के लिए कार्य कर रहे हैं।  

वहीं, राजधानी में भाजपा की शनिवार को आयोजित भाजपा कोर कमेटी की बैठक के लिए विशेषतौर से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम राजधानी पहुंचे थे। गैरसैंण में चल रहे बजट सत्र- 2021 को स्थिगित कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आनन-फानन में दून पहुंचे थे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि विगत सालों से कैबिनेट विस्तार नहीं होने की वजह से पाटी के वरिष्ठ नेताओं में अंसतोष है। पार्टी हाईकमान ने सीएम त्रिवेंद्र को कैबिनेट विस्तार की छूट भी दे दी थी लेकिन त्रिवेंद्र ने इस ओर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया था। तो दूसरीओर , आम आदम पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा के असंतुष्ट नेताओं के संपर्क में है और आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान की ओर से ही लिया जाएगा। 

2017 विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को अभूतपूर्व जनसमर्थन देते हुए, 70 सदस्यीय विधानसभा में 57 विधायकों का तोहफा दिया। इसके बाद निर्दलीय राम सिंह कैडा के समर्थन और एक मनोनीत विधायक को जोड़ते हुए, भाजपा के पास विधायकों का संख्या बल 59 को छू गया। इसका असर चार साल तक सरकार की स्थिरता के रूप में नजर आया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बिना किसी दबाव में सरकार चलाते नजर आए। लेकिन पिछले दो दिनों से सियासी तूफान के बीच उनकी बेचैनी बढ़नी भी तय है। दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मुलाकात के बाद ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।  

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