ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंडपैसा खर्चने वालों को ही मिलते हैं वोट : वरुण गांधी

पैसा खर्चने वालों को ही मिलते हैं वोट : वरुण गांधी

वर्तमान समय में पैसों का बोलबाला हो गया है। पैसा बहाने वाले नेताओं को ही जनता वोट डालती है। इससे राजनीति का स्तर लगातार गिर रहा है। पैसे बांटने वाले नेताओं को झोली भरकर वोट मिलते हैं और आम नेताओं की...

पैसा खर्चने वालों को ही मिलते हैं वोट : वरुण गांधी
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनFri, 07 Dec 2018 06:20 PM
ऐप पर पढ़ें

वर्तमान समय में पैसों का बोलबाला हो गया है। पैसा बहाने वाले नेताओं को ही जनता वोट डालती है। इससे राजनीति का स्तर लगातार गिर रहा है। पैसे बांटने वाले नेताओं को झोली भरकर वोट मिलते हैं और आम नेताओं की जमानत जब्त हो जाती है। यह बात भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने देहरादून में अपनी पुस्तक ‘ए रूरल मेनिफेस्टो’ के विमोचन के मौके पर कही। सांसद वरुण गांधी ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र होने के बाद भी आमजन की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। संसद में आमजन की समस्याओं पर चर्चा होना कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा उपाय है कि देश में पेटिशन सिस्टम लागू हो। इससे कहा कि युवा समाज को ध्यान में रखते हुए काम करें। 

देश के सर्वोच्च संस्थानों में पढ़ रहे अमीरों के बच्चे
सांसद वरुण गांधी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में भी आम छात्रों को असमानता का सामना करना पढ़ रहा है। आज देश के सर्वोच्च संस्थानों में अमीरों के बच्चे पढ़ रहे हैं। सर्वोच्च सेवाओं में भी अमीर घरों के लोग सेवा दे रहे हैं। एक आरटीआई में यह बात सामने आई है। 81 फीसदी आईएएस अफसर देश के सबसे महंगे शहरों के रहने वाले हैं और महंगे स्कूलों से पढ़े हैं। देश के साढ़े 15 लाख स्कूलों में से 98 फीसदी स्टेट बोर्ड, मदरसा बोर्ड आदि के स्कूल हैं। इसमें से आईआईटी 10 और आईआईएम में मात्र छह फीसदी छात्र पढ़ इन बोर्डों से निकले हैं, बाकी 90 से 95 फीसदी छात्र महंगे स्कूल और बोर्डों से पढ़े हैं। 

नई रोजगार नीति से ही संवरेगा युवाओं का भविष्य
वरुण गांधी ने कहा कि देश की रोजगार नीति के बुरे हाल हैं। विश्वविद्यालय और कॉलेज बेरोजगार पैदा करने की फैक्ट्रियों की तरह काम कर रहे हैं। देश में जब तक नई रोजगार नीति नहीं बनाई जाएगी। तब तक युवा ऐसे ही रोजगार के लिए भटकते रहेंगे। दूसरे देशों में भारत के 91 हजार पीएचडी, तकनीकी विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि भारत में मात्र नौ सौ। 

देश के स्टार्ट-अप का स्तर बढ़ाना होगा 
वरुण गांधी ने कहा कि देश में स्टार्ट-अप के स्तर को बढ़ाने की जरूरत है। अभी तक कोई भी स्टार्ट अप ऐसा नहीं किया गया, जिसकी कोई बहुत बड़ी उपलब्धता हो। इस मामले में चायना और अमेरिका जैसे देशों से सबक लेने की जरूरत है।  भारत में भी इसी तरह के स्टार्टअप को बढ़ावा देने की जरूरत है। 

वरुण गांधी की किताब में किसानों की पीड़ा 
देहरादून। सुलतानपुर (यूपी) से भाजपा के सांसद वरुण गांधी की किताब ‘ए रूरल मेनिफेस्टो : रियलाइजिंग इंडियाज फ्यूचर थ्रू हर विलेजेस’ का विमोचन गुरुवार को देहरादून स्थित डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट में हुआ। किताब देश के ग्रामीण समाज और किसानों की व्यथा पर आधारित है। देश भ्रमण और ग्रामीण लोगों पर गहन शोध के बाद उन्होंने यह पुस्तक लिखी है। सांसद वरुण गांधी ने बताया कि देश में आज सबसे बुरी हालत में किसान हैं। वरुण गांधी ने चिपको और रैंणी गांव में हुए आंदोलन को याद करते हुए पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा और पद्म भूषण चंडीप्रसाद भट्ट जिक्र किया।

संसद में बैठे लोगों को पढ़नी चाहिए किताब : डा. जोशी
हेस्को के संस्थापक पद्मश्री डा.अनिल जोशी ने कहा कि वरुण गांधी ने किसानों पर गहन शोध के बाद यह पुस्तक लिखी है। यह किताब संसद में बैठे हर नेता को पढ़नी चाहिए।  

 
हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें