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घोटाला ऐसा कि रोज 8 घंटे कलम घिसने के बावजूद 6 दिनों में नहीं लिखी जा सकी FIR

अटल आयुष्मान योजना के घोटाले में शहर के एमपी नर्सिंग होम के खिलाफ दर्ज हो रही एफआईआर लिखने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए हैं। दरअसल, पुलिस को मिली 64 पन्नों की तहरीर को एफआईआर के रूप में दर्ज...

घोटाला ऐसा कि रोज 8 घंटे कलम घिसने के बावजूद 6 दिनों में नहीं लिखी जा सकी FIR
देवेन्द्र दीक्षित,काशीपुरSat, 21 Sep 2019 07:43 AM
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अटल आयुष्मान योजना के घोटाले में शहर के एमपी नर्सिंग होम के खिलाफ दर्ज हो रही एफआईआर लिखने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए हैं। दरअसल, पुलिस को मिली 64 पन्नों की तहरीर को एफआईआर के रूप में दर्ज करने के लिए इसे लिखने का काम पिछले छह दिनों से चल रहा है। एक पुलिस कर्मी अपने आठ घंटे की ड्यूटी में यही काम कर रहा है। संभवत: शनिवार शाम तक यह एफआईआर पूरी लिख ली जाएगी।

अटल आयुष्मान योजना में उत्तराखंड के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र ने काशीपुर के एमपी नर्सिंग होम और देवकीनंदन अस्पताल के खिलाफ तहरीर दी थी। दोनों अस्पताल प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर आयुष्मान घोटाले में दोषी पाए गए हैं। देवकीनंदन अस्पताल के खिलाफ बांसफोड़ान और एमपी नर्सिंग होम के खिलाफ काशीपुर की कटोराताल पुलिस चौकी में मामला दर्ज किया जा रहा है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की क्षमता के 10 हजार शब्दों की
एमपी नर्सिंग होम के खिलाफ एफआईआर लिख रहे कटोराताल रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के मुंशी प्रमोद जोशी ने बताया कि ऑनलाइन केस दर्ज करने वाले सॉफ्टवेयर की क्षमता 10 हजार शब्दों से अधिक नहीं है। लिहाजा, यह एफआईआर हाथ से ही लिखी जा रही है।  वह प्रतिदिन करीब आठ घंटे एफआईआर की लिखाई कर रहे हैं। उनके साथी जगमोहन सिंह तहरीर बोलकर एफआईआर लिखने में उनकी मदद कर रहे हैं। शनिवार शाम तक एफआईआर की लिखाई पूरी होने की उम्मीद है।

एक पुलिस कर्मी बोल रहा और दूसरा हाथ से लिख रहा 
अमूमन तहरीर अधिक से अधिक चार या पांच पेज की ही होती है। आयुष्मान घोटाले में जो तहरीर दी गई है, वह दरअसल तहरीर न होकर जांच रिपोर्ट है। पुलिसकर्मियों की मानें तो पूरी जांच रिपोर्ट को तहरीर के रूप में देने के बजाय मामले के प्रमुख बिन्दुओं को लेते हुए इसे तहरीर के रूप में दिया जाना चाहिए था। अटल आयुष्मान अधिशासी सहायक ने जो तहरीर दी है, वह रिपोर्ट तो मामले की पुलिस जांच के दौरान विवेचना अधिकारी के सामने पेश की जानी चाहिए थी।
 

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