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Hindi News उत्तराखंडलगी ऐसी बुरी लत कि 10वीं की लड़की पैदल चली 3500 किमी, पांच राज्यों में घूमती रही

लगी ऐसी बुरी लत कि 10वीं की लड़की पैदल चली 3500 किमी, पांच राज्यों में घूमती रही

'मुझे नहीं मालूम, मैंने ऐसा क्यों और कैसे कर दिया। मुझ पर ऑनलाइन गेम हावी हो गया था। हर वक्त मुझे सिर्फ और सिर्फ यह गेम ही आंखो के आगे नजर आ रहा था। दिमाग पर सिर्फ गेम के ही विजुअल तैरते...

लगी ऐसी बुरी लत कि 10वीं की लड़की पैदल चली 3500 किमी, पांच राज्यों में घूमती रही
पंतनगर। अर्शी खान Sat, 20 Jul 2019 01:24 PM
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'मुझे नहीं मालूम, मैंने ऐसा क्यों और कैसे कर दिया। मुझ पर ऑनलाइन गेम हावी हो गया था। हर वक्त मुझे सिर्फ और सिर्फ यह गेम ही आंखो के आगे नजर आ रहा था। दिमाग पर सिर्फ गेम के ही विजुअल तैरते रहते थे। शायद ये मेरा भ्रम था या जुनून कि मैं इस गेम की तरह ही एक शहर से दुसरे शहर घूमने का टास्क पूरा करने के लिए निकल गई। इन 18 दिन में मैं अपने माता-पिता, परिवार से हजारों मील दूर रही। उनसे संपर्क तक नहीं किया। अब समझ आ रहा है कि मैंने क्या किया।' शुक्रवार को पंतनगर में 19 दिन बाद परिजनों के साथ बैठी दसवीं की छात्रा ने कुछ इन शब्दों में अपनी हालत को बयां किया। 

सफर किच्छा से शुरू, दिल्ली पर खत्म

छात्रा ने बताया कि वह घर से निकलने के बाद किच्छा पहुंची। वहां से बरेली होते हुये लखनऊ पहुंची। इसके बाद वह ऋषिकेश चली गयी। यहां से वह राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, जोधपुर गयी। इसके आगे वह गुजरात के अहमदाबाद और फिर महाराष्ट्र के पुणे तक जा पहुंची। पुणे से वह फिर दिल्ली लौट आयी। 

आखिर क्या था उस गेम में

छात्रा ने बताया कि वह कुछ महीनों से एक ऑनलाइन गेम खेल रही थी। इस गेम में एक टैक्सी ड्राइवर लगातार सफर करता रहता है। एक शहर से दूसरे शहर तक उसे पहुंचना होता है। इस दौरान ड्राइवर को कई तरह के टास्क पूरे करने होते हैं, जिनमें नियत समय के भीतर एक से दूसरे शहर तक पहुंचना, रात को टैक्सी चलाना आदि शामिल होते हैं। छात्रा के अनुसार गेम खेलते-खेलते उसने सोचा कि उसे खुद भी इस ड्राइवर की तरह एक से दूसरे शहर जाना चाहिये।

किसी भी रुकी नहीं, लगातार सफर करती रही छात्रा

पुलिस पूछताछ में छात्रा ने बताया कि वह पांच राज्यों में सफर कर आयी, लेकिन इन 18 दिनों में वह कहीं भी रुकी नहीं। वह लगातार एक से दूसरी गाड़ी में सफर करती रही। छात्रा के अनुसार उसने यह सफर अलग-अलग बसों में पूरा किया। इस दौरान वह बस में ही सफर करते हुये सो जाया करती थी। जहां बस रुकती, वहां खाना खा लेती थी। तय शहर में पहुंचकर बस से उतरते ही वह फिर अगले शहर के लिये बस पकड़ लेती थी। इस बीच कुछ शहरों में उसने ट्रेन से भी सफर किया। 

दिल्ली में अकेली घूमने पर पुलिस ने रोका

एसओ अशोक कुमार ने बताया कि दिल्ली के कमलानगर में बुधवार देर रात छात्रा एक रिक्शा पर अकेली जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने उसे रुकवा लिया। पूछताछ की तो वह रोने लगी और बताया कि वह घर में बिना बताये निकल आयी है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पंतनगर पुलिस से संपर्क किया।

अभिभावक ध्यान रखें

-एक्सपर्ट से बच्चों की काउंसिलिंग करायें
-वीडियो गेम से बच्चों का ध्यान डायवर्ट करने की कोशिश करें
-अभिभावक बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें
-बच्चों को इनडोर के बजाय आउटडोर एक्टिविटी की ओर मोड़ें
-बच्चों के हेल्दी मनोरंजन पर खास ध्यान दिया जाये
-बड़े-बुजुर्गों को बच्चों के काउंसलर बनाया जाये

डॉ. अजरा परवीन, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी के अनुसार, भागदौड़ भरे जीवन में अभिभावक बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। परिजनों का समय नहीं मिलने के कारण बच्चे वीडियो गेम या इंटरनेट के आदी होने लगे हैं। इससे वे अवसाद में भी जा रहे हैं। इससे बचने के लिये अभिभावकों को उनके हेल्दी इंटरटेनमेंट पर ध्यान देना चाहिए।

 

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