उत्तराखंड में योग और प्राकृतिक चिकित्सा का अलग प्रकोष्ठ बनेगा, जानें क्या होगा फायदा
राज्य में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुष निदेशालय में योग और प्राकृतिक चिकित्सा का अलग प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा। यह प्रकोष्ठ योग व प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों के पंजीकरण से...
राज्य में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुष निदेशालय में योग और प्राकृतिक चिकित्सा का अलग प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा।
यह प्रकोष्ठ योग व प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों के पंजीकरण से लेकर मानक तैयार करने का काम करेगा। इसके साथ ही महानिदेशालय स्तर पर एक सलाहाकार समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया है।
योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए गठित होने वाले प्रकोष्ठ में संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी की तैनाती होगी। प्रकोष्ठ राज्य में चल रहे योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों के पंजीकरण, क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट में पंजीकरण, प्रत्येक दो वर्ष में निरीक्षण करने के साथ ही उनके लिए मानक भी तैयार करेगा।
कोर्स के साथ ही योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य के सहयोग से नई योजनाएं भी संचालित करेगा। सलाहकार समिति में सात सदस्य होंगे : योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए बनाई जाने वाली सलाहकार समिति में निदेशक आयुर्वेद अध्यक्ष होंगे।
उप निदेशक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, नोडल अधिकारी आयुष निवेश सेल,आयुर्वेद विवि के नामित सदस्य, देव संस्कृति विवि के नामित सदस्य, गुरुकुल कांगड़ी विवि के नामित सदस्य, सरकार की ओर से नामित योग विशेषज्ञ, योग केंद्र संचालक को सदस्य के तौर पर नामित किया जाएगा। सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होगा।