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कोविड पॉजिटिवों की मुश्किलें कम नहीं, कोरोनाकाल में एंबुलेंस वालों की मनमानी वसूली से परेशान

कोरोना काल में लोग परेशान हैं। कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड का संकट है तो दूसरे रोगों से ग्रसित लोगों को भी इलाज में परेशानी हो रही है। कोरोना मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस के रेट...

कोविड पॉजिटिवों की मुश्किलें कम नहीं, कोरोनाकाल में एंबुलेंस वालों की मनमानी वसूली से परेशान
हिन्दुस्तान टीम, हल्द्वानी Fri, 07 May 2021 02:24 PM
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कोरोना काल में लोग परेशान हैं। कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड का संकट है तो दूसरे रोगों से ग्रसित लोगों को भी इलाज में परेशानी हो रही है। कोरोना मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस के रेट तय किए गए हैं।  संचालक सामान्य मरीजों को लाने-ले जाने में मनमाना किराया वसूल रहे हैं। प्रशासन और आरटीओ इससे बेखबर हैं। 

हल्द्वानी : मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे एंबुलेंस वाले
हल्द्वानी में 35 से ज्यादा एंबुलेंस संचालित हो रही हैं। इनमें से 19 एंबुलेंस कोरोना मरीजों को लाने-ले जाने और संक्रमण से मरने वालों के शव श्मशान ले जाने में लगाई गई हैं। ये प्राइवेट एंबुलेंस हैं। कोरोना ड्यूटी पर लगाई गई एंबुलेंसों के लिए 1100 रुपये प्रतिदिन प्रति एंबुलेंस निर्धारित किया गया है। इसके अलावा जो अन्य एंबुलेंस संचालक हैं, वे अन्य साधारण मरीजों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। गुरुवार को हिन्दुस्तान टीम ने एसटीएच के पास खड़े एंबुलेंस संचालकों से किराये को लेकर बातचीत की। मरीज को पिथौरागढ़ छोड़ने के लिए किराया पूछा तो 9000 रुपये बताया और चम्पावत का किराया 10000 रुपये बताया। एंबुलेंस यूनियन के नेताओं से पूछा तो उन्होंने दोनों जगहों का किराया 6 से 7 हजार रुपये बताया। 

रामनगर:कोरोनाकाल में एंबुलेंस वालों की मनमानी
रामनगर में 6 एंबुलेंस कोविड ड्यूटी में लगाई गई हैं। कोरोना के मरीजों को लाने-ले जाने में इनका इस्तेमाल हो रहा है। यह मरीजों के लिए मुफ्त सेवा की गई है। जबकि निजी अस्पताल की एंबुलेंस लोगों को जमकर लूट रही हैं। रामनगर निवासी विवेक ने बताया कि उनके किसी रिश्तेदार की तबीयत खराब होने पर उन्हें हल्द्वानी लेकर गया। बताया कि हल्द्वानी के ही एंबुलेंस वाले ने 10 हजार रुपये ले लिए। सल्ट निवासी संजय ने बताया कि वह अपनी माता का उपचार कराने के लिए रामनगर के एक निजी अस्पताल आया था। एंबुलेंस से जाने पर उसने आठ हजार रुपए लिए। जबकि उसके घर एंबुलेंस 12 से 15 सौ रुपये में चली जाती है। एसडीएम विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। 

नैनीताल: सात सरकारी एंबुलेंस से दे रहीं मरीजों को राहत
नैनीताल में 7 एंबुलेंस बीडी पांडे अस्पताल में तैनात की गई हैं। ये सभी सरकारी एंबुलेंस हैं, जिनसे कोरोना मरीजों को जरूरत पड़ने पर हल्द्वानी पहुंचाया जाता है। नैनीताल में प्राइवेट एंबुलेंस नहीं हैं। केवल हल्द्वानी से नैनीताल की ओर आने पर ही हल्द्वानी से प्राइवेट एंबुलेंस करवाई जाती है। सरकारी एंबुलेंस पर मरीज रेफर होना नि:शुल्क है, जबकि बाहर से कोई मरीज जाए तो सरकारी दरों पर भुगतान करना होता है। इसके अलावा भवाली में दो व गरमपानी स्वास्थ्य केंद्र में चार एंबुलेंस तैनात हैं। जिसमें एक 108 के साथ ही दो मरीजों की एंबुलेंस व एक शव वाहन एंबुलेंस है। 

भीमताल :भीमताल में केवल एक सरकारी एंबुलेंस
भीमताल सीएससी में केवल एक सरकारी एंबुलेंस है। इसके अलावा कोरोना संक्रमितों को नैनीताल या हल्द्वानी ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यवस्था की जा रही है। नैनीताल बीडी पांडे जिला अस्पताल में तैनात अधिग्रहित एंबुलेंसों को ही भेजा जा रहा है। सरकारी व्यवस्था होने के चलते कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।

लालकुआं : एक लाख आबादी 108 एंबुलेंस के भरोसे बैठी
लालकुआं बिन्दुखत्ता क्षेत्र की एक लाख से अधिक आबादी है। आपातकालीन स्थिति में क्षेत्र की आबादी पूर्ण रूप से 108 सेवा पर निर्भर है। यहां निजी एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध नहीं है, जिससे आपातकालीन स्थिति में कई मरीजों को समय से एंबुलेंस न मिलने पर अपनी जान गंवानी पड़ती है। 

कोविड ड्यूटी के लिए अधिग्रहित एंबुलेंसों को प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान निर्धारित किया गया है। इसके अलावा सामान्य किराया भी निर्धारित है। इससे ज्यादा किराया लेने वालों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। 
राजीव मेहरा, आरटीओ हल्द्वानी

 

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