जोशीमठ के बाद अब पर्यटक शहर नैनीताल में 10 मीटर तक पड़ीं दरारें, भूजल रिसाव के कारण बढ़ रहा खतरा
जोशीमठ के बाद नैनीताल के लोअर माल रोड पर आने वाला समय खतरे की ओर इशारे कर रहा है। मंगलवार को यहां करीब 10 मीटर लंबी दरारें नजर आईं। इसके बाद लोनिवि ने दरारों में फिर से डामर डालकर भर दिया।

जोशीमठ के बाद नैनीताल के लोअर माल रोड पर आने वाला समय खतरे की ओर इशारे कर रहा है। मंगलवार को यहां करीब 10 मीटर लंबी दरारें नजर आईं। इसके बाद लोनिवि ने दरारों में फिर से डामर डालकर भर दिया। यह अस्थाई उपाय लोनिवि लगातार कर रहा है, लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नजर नहीं आ रहा।
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे स्थानीय लोगों ने माल रोड पर दरारें देखीं। आसपास के कारोबारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत इस बात की सूचना लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पर पहुंची विभाग की टीम ने दरारें में डामर भरा। लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि दरारों को डामर से भर दिया है।
स्थाई ट्रीटमेंट के लिए पूर्व में विभाग ने डीपीआर शासन को भेजी थी। जिसमें तकनीकी कमियों के चलते शासन ने डीपीआर वापस लोनिवि को भेजा है। कमियों को दुरुस्त करवा लिया है। जल्द ट्रीटमेंट की फाइल वापस शासन को भेजी जाएगी। लोगों ने बताया 2018 में लोअर माल रोड का 25 मीटर हिस्सा बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद से लगातार माल रोड के विभिन्न हिस्सों में दरारें पड़ रही है।
लोनिवि समय-समय पर इन दरारों को भरने का काम कर रहा है। लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद भी अब तक सड़क का स्थाई ट्रीटमेंट कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसके चलते लगातार माल रोड में दरारें बढ़ रही हैं। यदि लोअर माल रोड पर संकट आया तो इससे कारोबार व पर्यटन पर गंभीर असर पड़ सकता है।
80 के दशक से भू-धंसाव व भू-कटाव की घटनाएं
नैनीताल में 80 के दशक से ही भू-स्खलन, भू-धंसाव और भू-कटाव की घटनाएं सामने आ रही हैं। नैनीताल की बुनियाद कही जाने वाली
बलियानाला में भारी भू-स्खलन हुआ। इसके बाद इस क्षेत्र में हुए
भू-धंसाव से अबतक करीब 100 मीटर से अधिक का क्षेत्रफल पूरी तरह समाप्त हो गया।