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सावधान: प्रमाणपत्र को गलत तथ्य दिए तो होगी कार्रवाई, पढ़िए मानक

उत्तराखंड सरकार ने आय प्रमाण पत्र बनाने के नये मानक निर्धारित करते हुए इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें परिवार की अवधारणा के साथ ही आय के मानक भी तय किए गए हैं। मानकों के अनुसार अब गलत तथ्य...

सावधान: प्रमाणपत्र को गलत तथ्य दिए तो होगी कार्रवाई, पढ़िए मानक
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनWed, 08 May 2019 05:33 PM
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उत्तराखंड सरकार ने आय प्रमाण पत्र बनाने के नये मानक निर्धारित करते हुए इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें परिवार की अवधारणा के साथ ही आय के मानक भी तय किए गए हैं। मानकों के अनुसार अब गलत तथ्य दिखाकर आय प्रमाणपत्र बनवाने की दशा में लेखपाल की बजाय आवेदक पर कार्रवाई होगी। साथ ही लेखपाल के लिए आय प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट देना अनिवार्य नहीं होगा। लेखपाल संघ लंबे समय से मानक निर्धारित करने की मांग कर रहा था। आय निर्धारण के मानक तय करने और अनिवार्य रूप से रिपोर्ट नहीं देने से लेखपालों को बड़ी राहत मिली है। इस नई व्यवस्था से उन पर से जांच का बोझ तो हटेगा ही, साथ ही भविष्य में कोई विवाद सामने आने पर उन पर कार्रवाई की तलवार भी नहीं लटकेगी। अब किसी केस में शिकायत मिलने और संदेह नजर आने पर ही सक्षम अधिकारी लेखपाल से स्थलीय जांच कराएंगे। आय प्रमाण पत्र से संतुष्ट नहीं होने पर आवेदक एसडीएम के समक्ष पहली और जिलाधिकारी के समक्ष दूसरी अपील कर सकेगा। बीते दिनों छात्रवृत्ति घपले में फर्जी आय प्रमाण पत्र सामने आने के बाद लेखपालों पर भी कार्रवाई हुई थी। इसी के विरोध में लेखपाल संघ ने स्पष्ट व्यवस्था बनाने की मांग करते हुए कार्यबहिष्कार कर दिया था।


सरकार की ओर से आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए नये मानक निर्धारित और जारी कर दिए गए हैं। नये मानकों के अनुसार आवेदक को अपनी आय की घोषणा स्वयं करनी होगी। किसी भी तरह की गड़बड़ी पर आवेदक स्वयं जिम्मेदार होगा। पटवारी और लेखपाल के लिए रिपोर्ट देना अनिवार्य नहीं होगा। किसी मामले में संदेह होने की स्थिति में ही जांच होगी।
सुशील कुमार शर्मा, सचिव राजस्व
 
ये हैं नये मानक
  • परिवार की अवधारणा: परिवार में पति, पत्नी, अव्यस्क व अविवाहित व्यस्क संतान, आश्रित माता पिता शामिल होंगे। जिनकी कोई आय नहीं होगी, वो आश्रित श्रेणी में होंगे। आय का निर्धारण परिवार के समस्त स्रोतों से हुई आय से होगा। मुखिया व परिवार के अन्य सदस्यों की कुल आय के आधार पर आय प्रमाण पत्र जारी होंगे।
  • आय का निर्धारण: असंगठित क्षेत्र के मजदूर की आय की गणना पूरे वर्ष में 100 दिन किए कार्य व  मजदूरी का निर्धारण मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी 182 रुपये प्रतिदिन पर किया गया। 100 दिन की सालाना आय 18200 रुपये पर तय होगी।
  • कृषि से आय: किसान के पास उपलब्ध कृषि भूमि, प्रति हैक्टेयर औसत उत्पादन, औसत लागत से वास्तविक आय का निर्धारण होगा। सरकारी, अर्द्ध सरकारी, प्राइवेट नौकरी पर सेवायोजन से प्राप्त वार्षिक आय से आय निर्धारित होगी।
  • पेंशनर्स: रिटायरमेंट के बाद प्राप्त होने वाली पेंशन से वार्षिक आय का निर्धारण होगा। विधवा, वृद्धा, विकलांग समेत अन्य पेंशन से आय निर्धारित होगी। परित्यक्ता को मिलने वाले भरणपोषण भत्ते के आधार पर व भत्ता न मिलने पर अकुशल मजदूर की आय पर निर्धारण होगा।
  • नौकरीपेशा: परिवार की आय का स्रोत सरकारी, अर्द्धसरकारी, निजी संस्थाओं में नौकरी पर सालाना
  • आय के आधार पर निर्धारण होगा। इसके प्रमाण के लिए इनकम टैक्स रिर्टन दस्तावेज न होने पर वेतन पर्ची या नियोक्ता से प्राप्त प्रमाण पत्र मान्य होंगे।
  • निजी व्यवसाय: डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, सीए समेत मध्यम, बड़े व्यवसायी की आईटीआर के आधार पर आय का निर्धारण होगा। आईटीआर न होने पर स्वघोषणा के आधार पर सालाना आय तय होगी। इसमें निजी कारोबारियों के भवन, दुकान से होने वाली आय को भी शामिल किया जाएगा। 

 

 

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