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नर्सिंग प्रवेश परीक्षा परीक्षा में 97 फीसदी युवा हो गए फेल, 20 नंबर अंग्रेजी से जुड़े प्रश्नों ने छुड़ाए पसीने 

उत्तराखंड के सरकारी एवं प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में पांच हजार में से सिर्फ 152 युवा ही पास हो पाए। उत्तराखंड में नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में 97 फीसदी युवा फेल हो गए।

नर्सिंग प्रवेश परीक्षा परीक्षा में 97 फीसदी युवा हो गए फेल, 20 नंबर अंग्रेजी से जुड़े प्रश्नों ने छुड़ाए पसीने 
Himanshu Kumar Lallदेहरादून, मुख्य संवाददाताMon, 12 Dec 2022 10:15 AM

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उत्तराखंड के सरकारी एवं प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में पांच हजार में से सिर्फ 152 युवा ही पास हो पाए। इससे सरकारी व प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की सीटें खाली रहने की नौबत आ गई है। उत्तराखंड में नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने इस बार पास होने के लिए 50 फीसदी की कटऑफ को अनिवार्य किया था।

इसमें 20 नंबर अंग्रेजी से जुड़े प्रश्न पूछे गए थे। अंग्रेजी में अधिकांश छात्रों के काफी कम नंबर आने से अधिकांश युवा फेल हो गए। वह निर्धारित 50 फीसदी कटऑफ भी नहीं ला पाए। नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए एचएनबी मेडिकल विवि द्वारा परीक्षा कराई जाती है। पहले कटऑफ तय नहीं थी।

सीटों के हिसाब से घट-बढ़ जाती थी, पर  50% कटऑफ जरूरी होने से युवा प्रवेश के लिएक्वालीफाई नहीं कर पाए। एचएनबी मेडिकल विवि के कुलसचिव डॉ एमके पंत ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 

भाकपा माले ने सीएम को भेजा ज्ञापन
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने प्रवेश परीक्षा में युवाओं के अंग्रेजी विषय की वजह से फेल होने के कारण सरकार से समस्या का समाधान करने की मांग की है। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन रावत को ज्ञापन भेजकर नर्सिंग कॉलेजों में खाली रह गई सीटों को भरने के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की है। 

प्रवेश के लिए चल रही काउंसलिंग
युवाओं के फेल होने का असर एडमिशन के लिए चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया पर भी पड़ा है। काफी कम संख्या में युवा काउंसलिंग में शामिल हो रहे हैं। इससे सीटें खाली रहने की चिंता बढ़ गई है। अब छात्र प्राइवेट कॉलेजों के चक्कर काट रहे हैं। 

प्राइवेट में गहराया संकट 
राज्य में प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की दो हजार सीटें हैं। इन सीटों को नर्सिंग प्रवेश परीक्षा पास युवाओं से ही भरा जाता है। ऐसी स्थिति में प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों के सामने सीटें खाली रहने की नौबत आ गई है। 

सीटें रह जाएंगी खाली
सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में इस समय कुल 320 सीटें हैं। सीटों के लिए 152 युवाओं का ही चयन हो पाया है। 168 सीटें खाली रहने की स्थिति बन गई है। 

 

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