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एसएसबी का हिस्सा बने 158 आरक्षी जलवाहक- अश्व शक्ति के हैरतअंगेज कारनामों ने मोहा मन

केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) में 158 नव आरक्षी(जलवाहक) का दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। 11 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण करके बल के आरक्षी के रूप में वह एसएसबी में...

एसएसबी का हिस्सा बने 158 आरक्षी जलवाहक- अश्व शक्ति के हैरतअंगेज कारनामों ने मोहा मन
लाइव हिन्दुस्तान टीम, श्रीनगरFri, 18 Jan 2019 02:36 PM
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केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) में 158 नव आरक्षी(जलवाहक) का दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। 11 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण करके बल के आरक्षी के रूप में वह एसएसबी में विधिवत शामिल हुए। इस मौके पर कमांडेंट प्रशिक्षण एनएस रौतेला ने नव आरक्षी प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई। बतौर मुख्य अतिथि एसएसबी के डीआईजी उपेंद्र प्रकाश बलोदी ने परेड की सलामी ली।  दीक्षांत समारोह के अवसर पर नव आरक्षी(जलवाहक) प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए डीआईजी उपेंद्र प्रकाश बलोदी ने प्रशिक्षुओं एवं उनके परिजनों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अब ये प्रशिक्षु बल के मूल मंत्र  के राष्ट्र सुरक्षाय: कृत संकल्पोस्ति के अनुयायी बनकर राष्ट्र सेवा एवं जन सेवा में समर्पित रहेंगे, एवं सीमाएं इनके कंधों पर सुरक्षित रहेगी। कहा प्रशिक्षण के दौरान इन्होंने शारीरिक दक्षता हासिल की।

साथ ही शस्त्र प्रचालन, सीमा प्रबंधन, आंतरिक सुरक्षा, आत्मरक्षा, रणनीति की विभिन्न विधाओं तथा मानव अधिकार व मानव मूल्यों का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के समक्ष सुरक्षा सबंधी कुछ गंभीर समस्याएं आतंकवाद के रूप में उत्पन्न हो गई हैं। उत्तर में जम्मू व कश्मीर तथा पूर्वोत्तर में राजद्रोह की समस्याएं भी कम गंभीर नहीं हैं। कहा भारत लगातार प्रतिक्रियावादी एवं विस्तारवादी ताकतों से घिरता चला जा रहा है। ऐसे में इस देश की खुली सीमाओं का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। जिसके लिए सशस्त्र सीमा बल सज है। मौके पर कमांडेंट चिकित्सा डा. विनय अग्रवाल, डा. ममता अग्रवाल, द्वितीय कमान अधिकारी यतेन नेगी, सुरेंद्र विक्रम आदि मौजूद रहे।

 

अश्व शक्ति के हैरतअंगेज कारनामों ने मोहा मन
श्रीनगर। दीक्षांत समारोह के अवसर पर एसएसबी की अश्व शक्ति का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अश्व शक्ति द्वारा बाधा दौड़, सलामी, आदि हैरतअंगेज कारनामे दिखाए गए। जिसने सबका मन मोहा। इसके अलावा बैंड दस्ते का प्रदर्शन, महिला प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों द्वारा रिफ्लेक्स शूटिंग का प्रदर्शन, बीआरटीसी जलवाहकों की मास पीटी प्रदर्शन, प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों द्वारा बेनट फाइटिंग प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहा।

 

बिहार के रहे सबसे ज्यादा प्रशिक्षु
श्रीनगर। दीक्षांत समारोह में शपथ लेने वाले कुल 158 प्रशिक्षु आरक्षी(जलवाहक) में सबसे ज्यादा बिहार से 76 प्रशिक्षु शामिल रहे। जबकि राजस्थान से 40, उत्तर प्रदेश से 28, हरियाणा से सात, हिमांचल प्रदेश से दो व मध्यप्रदेश, पश्चिमी बंगवाल, झारखंड, उत्तराखंड व आंध्रप्रदेश से एक-एक आरक्षी शामिल रहे। 
 

 
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