उत्तराखंड के इस जिले में है ‘श्री राम’ का 130 साल पुराना मंदिर, जानें खासियत
नगर का इकलौता श्रीराम मंदिर ठाकुरद्वारा वार्ड में बना हुआ है। इसकी देखरेख और पुजारी का दायित्व यहां बसने वाले तिवारी वंशजों के पास है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम -सीता माता, तीनों भाइयों और भक्त...
नगर का इकलौता श्रीराम मंदिर ठाकुरद्वारा वार्ड में बना हुआ है। इसकी देखरेख और पुजारी का दायित्व यहां बसने वाले तिवारी वंशजों के पास है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम -सीता माता, तीनों भाइयों और भक्त हनुमान के साथ बिराजते हैं। हर साल रामनवमी को यहां भव्य मेला लगता है। भक्त भगवान राम के दर्शनों को आकर उन्हें प्रभु का पसंदीदा भोग पजरी अर्पण करते हैं। इसके अलावा अन्य शुभ अवसरों पर भी स्थानीय श्रद्धालु यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं।
ठाकुरद्वारा का श्रीराम मंदिर करीब 130 साल पुराना है। हालांकि इसके स्थापना की सटीक जानकारी मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारियों के पास भी नहीं है। पुजारी परिवार के वरिष्ठ सदस्य 92 साल के दयानंद तिवारी के पिता ने इस मंदिर की स्थापना की थी। जिसके अनुसार मंदिर सवा सौ साल पुराना है। पूर्व में यहां पर छोटा मंदिर था। जिसका बाद में जीणोद्धार किया गया। वर्तमान में मंदिर की जिम्मेदारी रमेश चंद्र तिवारी, ललित तिवारी, नीरज तिवारी, नवीन तिवारी, महेश तिवारी, प्रकाश तिवारी, मदन तिवारी, हरीश तिवारी और दीपू तिवारी के पास है।
शीतला मां के भी होते हैं दर्शन
बागेश्वर। ठाकुरद्वारा में भगवान राम के साथ माता शीतला का भी मंदिर है। जिससे यहां आने वाले भक्तों को उनके दर्शन और पूजा का भी सौभाग्य मिलता है। भक्त माता शीतला और राम की एक साथ पूजा अर्चना का सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद पाते हैं।