12 साल के बच्चे के साथ कर डाली थी हैवानियत, अनैतिक दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद
12 वर्षीय बालक के साथ दुष्कर्म करने, विरोध करने पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने और पॉक्सो ऐक्ट के मामले में एडीजे/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अंजली नौलियाल ने आरोपी युवक को दोषी पाया।

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हरिद्वार में 12 वर्षीय बालक के साथ दुष्कर्म करने, विरोध करने पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने और पॉक्सो ऐक्ट के मामले में एडीजे/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अंजली नौलियाल ने आरोपी युवक को दोषी पाया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष की कठोर कैद और 42 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता आदेश चंद चौहान ने बताया कि 17 सितंबर 2021 की सुबह नौ बजे पीड़ित 12 वर्षीय बालक मंगलौर की ओर से साइकिल पर अपने घर आ रहा। रास्ते में आरोपी युवक सामान उठाने के बहाने पीड़ित बालक को झाड़ियों में ले गया था। जहां आरोपी युवक ने पीड़ित बालक के साथ अनैतिक दुष्कर्म किया था।
यही नहीं, आरोपी युवक ने उसके साथ मारपीट कर उसे किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपी युवक पीड़ित बालक को अधमरा कर वहां पर छोड़ कर भाग गया था। किसी तरह से पीड़ित बालक मुख्य मार्ग पर पहुंचा। मौके पर मौजूद राहगीर उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गए थे। जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखकर हायर सेंटर रेफर कर दिया था।
घटना के तीन दिन के बाद पीड़ित बालक के होश में आने पर उसने अपने परिजनों को सारी आपबीती बताई थी। अगले दिन सुबह शिकायतकर्ता पिता ने आरोपी मोनिस पुत्र जहीर निवासी मौहल्ला बन्दरटौल मंगलौर के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने आरोपी मोनिस को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी मोनिस के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से आठ गवाह पेश किए। गवाही और साक्ष्य के बाद कोर्ट ने आरोपी को 20 साल कैद की सजा सुनाई
अर्थदंड जमा नहीं करने पर होगी अतिरिक्त कैद
विशेष कोर्ट ने आरोपी पर 42 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी को छह माह के अतिरक्ति कारावास भुगतने के भी आदेश दिए हैं।
पीड़ित को एक लाख रूपये देने के आदेश
एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने प्रकरण को लेकर पीड़ित को बतौर आर्थिक सहायता के रूप में एक लाख रुपये देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित बालक को बतौर उचित प्रतिकर राशि देने के आदेश दिए हैं। साथ ही, उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने व पीड़ित को उचित निर्धारण आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं।