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प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर नहीं कटेगा 10 हजार का चालान, जानें कैसे

अगर आपके पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं तो घबराने की बात नहीं है। आपका 10 हजार रुपये का चालान नहीं कटेगा। जी हां, बिना प्रमाण 10 हजार रुपये का नहीं बल्कि 500 रुपये का चालान काटने का प्रावधान नए एमवी...

प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर नहीं कटेगा 10 हजार का चालान, जानें कैसे
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,देहरादून।Wed, 11 Sep 2019 08:29 PM
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अगर आपके पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं तो घबराने की बात नहीं है। आपका 10 हजार रुपये का चालान नहीं कटेगा। जी हां, बिना प्रमाण 10 हजार रुपये का नहीं बल्कि 500 रुपये का चालान काटने का प्रावधान नए एमवी ऐक्ट में है। अगर वाहन प्रदूषण फैलाता हुआ पाया जाता है, तब 10 हजार रुपये का चालान कटेगा।


नए मोटर व्हीकल ऐक्ट लागू होने के बाद प्रदूषण जांच केंद्रों पर भारी भीड़ है। लोग 10 हजार रुपये चालान के डर से प्रदूषण जांच करा रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है। अपर परिवहन आयुक्त (उत्तराखंड) सुनीता सिंह ने कहा है कि प्रदूषण जांच को लेकर लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं। उत्तराखंड में अभी नई दरें लागू नहीं हुई हैं। अभी पुरानी दरों पर ही चालान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए एमवी ऐक्ट में दस हजार रुपये जर्माने का प्रावधान है, लेकिन यह तब लगेगा जब जांच में वाहन प्रदूषण करता पाया जाता है। प्रमाण पत्र नहीं होने पर 500 रुपये का जुर्माना है। चालान के बाद प्रदूषण जांच कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। जल्द ही नए जांच केंद्र खुल जाएंगे।

नए जांच केंद्रों में देरी
दून में प्रदूषण जांच केंद्रों की सीमित संख्या से मारामारी हो रही है, लेकिन परिवहन विभाग नए केंद्र खोलने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। मुख्यालय में लोगों को ठीक से जानकारी तक नहीं दी जा रही।

ऐसे तो वाहनों की प्रदूषण जांच में 140 दिन लग जाएंगे! 
वाहनों की प्रदूषण जांच कराने के लिए लोगों ने दिन-रात एक कर दिया है। जांच केंद्रों पर रात तीन बजे से लाइनें लग रही हैं। शहर में सिर्फ 19 जांच केंद्र हैं। अभी सात लाख वाहन हैं, जिनकी जांच होनी है। जिस हिसाब से रोजाना जांच हो रही है, उससे सात लाख वाहनों की जांच करने में 140 दिन लग जाएंगे। नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में वाहन का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं होने पर जुर्माना बढ़ाया गया है। एक सितंबर से जांच केंद्रों पर भीड़ जुट रही है। 

रात में ही लग रही लाइन
रात तीन बजे से ही दुपहिया और चौपहिया वाहनों की लाइनें लग रही हैं। भीड़ के चलते कुछ जांच केंद्रों ने कूपन व्यवस्था लागू कर रखी है। एक दिन में 200 से 250 लोगों को कूपन दिए जा रहे हैं। देहरादून आरटीओ में दस लाख वाहन पंजीकृत हैं। इसमें दो लाख 50 हजार वाहनों की नियमित प्रदूषण जांच होती रहती है। एक सितंबर से अब तक 50 हजार वाहनों की प्रदूषण जांच हो चुकी है। अभी करीब सात लाख वाहन हैं, जिनकी प्रदूषण जांच होनी है। एक केंद्र पर एक दिन में करीब 250 वाहनों की जांच हो पा रही है। सभी केंद्रों पर दिनभर में करीब पांच हजार वाहनों की जांच हो रही है। यदि प्रदूषण केंद्र नहीं बढ़ते हैं और जांच इसी रफ्तार से हुई तो सभी वाहनों की प्रदूषण जांच करने में 140 दिन लग जाएंगे।

 

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