
पहले आपदा ने पिता छीना, अब आशियाना... धराली के पीड़ितों की कहानी रुला देगी
संक्षेप: Uttarkashi Disaster: चमोली के थराली ब्लॉक में भूस्खलन से एक घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, जिसमें बहन की शादी के लिए जमा किया गया सारा सामान भी मलबे में दब गया, जिससे परिवार बेबस है।
थराली विकास खंड के सगवाड़ा गांव में गुरुवार तड़के मलबे की चपेट में आकर जगतपाल सिंह बिष्ट पुत्र स्व. आलम सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान उनकी बहन सुषमा मकान में मौजूद थी। सुषमा ने भागकर जान बचाई। परिवार के अन्य सदस्य उस समय थराली में थे। इससे बड़ी जनहानि टल गई। गुरुवार सुबह करीब साढ़े 4 बजे पहाड़ी से आए मलबे ने मकान को चपेट में ले लिया।

पास में स्थित पुष्पा देवी पत्नी स्व. दुर्लभ सिंह का मकान भी खतरे की जद में आ गया है। ग्रामीणों के अनुसार इसी स्थान पर 2013 में मलबा आने से जगतपाल सिंह के पिता स्व. आलम सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में उनका मकान जमींदोज हो गया था। इसके बाद जगतपाल ने दूसरा मकान इस जगह पर बनाया था, लेकिन यह भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है। सागवाड़ा के ही भैंसाड़ा तोक, खवा तोक, कमखोली तोक, मलटनवा तोक, गमील तोक और गुलामोड तोक में भी मकानों और जमीनों में दरारें आ चुकी हैं। भैंसाड़ा तोक में कुलदीप सिंह पुत्र स्व. दर्शन सिंह, दिनेश सिंह पुत्र गजे सिंह और खिलाफ सिंह के मकान खतरे की जद में बताए जा रहे हैं।
घर के साथ बहन की शादी का सामान भी मलबे में बहा
थराली ब्लॉक के सगवाड़ा गांव में गुरुवार सुबह आए मलबे ने दो अक्टूबर को शादी के मंडप में बैठने जा रही युवती सुषमा को मायूसी कर दिया। सुषमा की शादी विजयदशमी पर मीगगधेरा के गढ़कोट में तय है। जेवर, कपड़े, बर्तन व अन्य सामान जुटाया जा रहा था। गुरुवार सुबह करीब 4:30 बजे अचानक मलबा घर की ओर बढ़ा। ग्रामीणों ने सीटी और आवाजें लगाकर सबको सचेत किया। सुषमा समय रहते घर से बाहर निकल गई। उसकी जिंदगी तो बच गई, मगर उसका घर मलबे में समा गया। आंखों में आंसू लिए सुषमा ने कहा, ‘कल तक मैं अपनी शादी की तैयारियों में खुश थी, आज कुछ भी नहीं बचा’। उसके भाई जगतपाल सिंह बिष्ट कहते हैं कि ‘बहन की शादी के लिए हर सामान जोड़ा। अब सब मलबे में दब गया है। समझ नहीं आता कि बहन की शादी कैसे करूंगा’। गांव में तबाही का आलम है। कई घरों को खतरा है। हालांकि ग्रामीणों की सतर्कता ने बड़ी जनहानि को टाल दिया, लेकिन बिष्ट परिवार के सपने मलबे में दब गए। अब पूरे परिवार के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि चंद दिनों बाद होने वाली शादी कैसे संपन्न होगी। ग्रामवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है।
प्रशासन ने छह परिवारों को शिविर में शिफ्ट किया
राजस्व निरीक्षक रॉबर्ट सिद्दीकी ने बताया कि ग्राम सगवाड़ा में अतिवृष्टि और भूस्खलन से एक मकान पूर्ण रूप और तीन मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। भूस्खलन संभावित क्षेत्र में रहने वाले छह परिवारों को पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया है। तहसीलदार अक्षय पंकज के नेतृत्व में पहुंची टीम ने प्रभावितों को राहत किट भी वितरित की।
पीड़ित परिवार की बेबसी
आपदा प्रभावित जगतपाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 में उन्होंने आपदा में अपने पिता और घर को खोया था। दूसरा मकान बनाया तो वह भी मलबे में दब गया है। उनका परिवार थराली में रहता है और बच्चे स्थानीय स्कूल में पढ़ते हैं। गनीमत रही कि हादसे के समय परिवार घर पर मौजूद नहीं था, वरना नुकसान और बड़ा हो सकता था।

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Anubhav Shakyaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




