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नहुष नाटक की प्रस्तुति से गदगद हुए दर्शक

लोकनाद थिएटर ग्रुप की ओर से महाभारत कालीन घटना पर आधारित नहुष(एक अजगर की कथा) नाटक की प्रस्तुति दी गई। रंगकर्मी अभिषेक बहुगुणा की परिकल्पना व निर्देशन पर प्रस्तुत इस नाटक में कलाकारों ने शानदार...

नहुष नाटक की प्रस्तुति से गदगद हुए दर्शक
हिन्दुस्तान टीम,श्रीनगरMon, 17 Feb 2020 03:04 PM
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लोकनाद थिएटर ग्रुप की ओर से महाभारत कालीन घटना पर आधारित नहुष(एक अजगर की कथा) नाटक की प्रस्तुति दी गई। रंगकर्मी अभिषेक बहुगुणा की परिकल्पना व निर्देशन पर प्रस्तुत इस नाटक में कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। जिसे देखकर दर्शक गदगद हुए। गढ़वाल विवि के लोक कला, संस्कृति निष्पादन केंद्र के ऑडिटोरियम में आयोजित नहुष नाटक श्रीमदभागवत के मूल प्रसंग से हटकर है। यह नाटक उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की वाचिक परंपराओं पर आधारित है। कथानक के अनुसार द्यूत क्रीड़ा में पराजित होने के बाद पांडव दुर्योधन के दास हो चुके थे। वनवास व अज्ञातवास जाने की अवधि से पूर्व दुर्योधन पांडवों को प्रताड़ित करने के लिए धर्मराज को छोड़ सभी पांडवों को बारी-बारी से अपने रंग महल की ड्योढ़ी पर रात्रि पहरेदारी पर लगाता है। वह इच्छादारी अजगर से स्वयं व अपनी पत्नी भानुमति के प्रताड़ित होने से बचने का उपाय कर रहा था। अजगर के रहस्य के बारे में श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि वह कौरवों और पांडवों के पूर्वज धर्मात्मा नहुष है। जिसने अपने तप और सत्कर्मों के बल पर स्वर्ग में इंद्र का पद प्राप्त कर लिया था। अहंकार के चलते उन्होंने सप्तऋषिकयों का अपमान कर दिया था। जिस पर उन्हें इंद्रपद तो गंवाना ही पड़ा साथ ही अगस्त्य ऋषि ने उन्हें एक हजार वर्ष तक मृत्युलोक में सर्पयोनी भोगने का शाप दिया। दुर्योधन का अजगर से निजात दिलाने के बदले अर्जुन से दासत्व से मुक्ति का प्रलोभन देना, श्रीकृष्ण की सहायता से अर्जुन द्वारा अजगर का वध कर अपने पूर्वज को शाप से मुक्ति दिलाने व दुर्योधन का अपने वादे से मुकर पांडवों को वनवास भेजने का प्रसंग नाटक में दिखाया गया है। इन्होंने किया अभिनयनाटक में अरविंद टम्टा, शशांक जमलोकी, अंकित रावत, मनोजकांत उनियाल, काजल मेहरा, विकास रावत, पूजा कुमारी, योगेश उनियाल, पीयूषमणी धस्माना, रोहित सिंह पुंडीर, अजय कोठियाल, अंकुर पांडेय, बकुल वर्मा, लव मैठाणी, अंकित उछोली, रघुवीर कंडारी व शैलेंद्र जुयाल ने अभिनय किया। नाटक के लेखक कमल रावत हैं। नाटक में शिवांशु सिंह चौहान, सुनील बलोनी, अनूप बहुगुणा, जयकृष्ण पैन्यूली, संजय कुप्ता आदि ने सहयोग दिया।

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