बाईपास प्रभावितों ने पुनर्वास और मुआवजा मांगा
सनेह क्षेत्र के गांवों से होकर जाने वाले प्रस्तावित बाइ पास प्रभावित अपनी मांगों को लेकर मुखर हो गये हैं। इस संबध में बाइपास प्रभावितों ने राष्ट्रीय...
सनेह क्षेत्र के गांवों से होकर जाने वाले प्रस्तावित बाईपास प्रभावित अपनी मांगों को लेकर मुखर हो गये हैं। इस संबध में बाइपास प्रभावितों ने राष्ट्रीय राजमार्ग विरोध संघर्ष समिति के बैनर तले तहसील में एकत्रित होकर तहसीलदार के माध्यम से अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया और अपनी समस्याओं के निस्तारण की मांग की।
इस दौरान समिति अध्यक्ष आशीष रावत ने कहा कि बाईपास प्रभावितों में कुछ लोगों को पट्टे आंवटित कर बसाया गया है। उनकी बसागत को चालीस से पचास साल हो गए हैं। निर्माण कार्य आरंभ होने से पहले इनका पुनर्वास किया जाना आवश्यक है। वर्तमान में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका वर्तमान में कब्जा अलग जगह पर और उनकी रजिस्ट्री अलग खेत न. पर है। इस तरह के लोगों का चिन्हीकरण किया जाना चाहिए। मुआवजे का मूल्यांकन किस तरह किया जायेगा, जब अभी तक स्पष्ट ही नहीं है कि किस व्यक्ति की कितनी भूमि रोड की जद में आ रही है। मुआवजा प्रक्रिया को स्पष्ट बनाया जाना चाहिए। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि खाली सरकारी जमीन उपलब्ध होने के बाद भी उसका अधिग्रहण न करते हुए गरीब लोगों के घरों को तोड़कर बाइपास का निर्माण किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस दौरान बड़ी संख्या में बाईपास प्रभावित मौजूद रहे।