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श्रीनगर में भारत बंद का व्यापक असर

श्रीनगर में व्यापारियों ने एससी, एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के तहत अपने-अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। श्रीनगर के मुख्य बाजार सहित श्रीकोट गंगानाली व अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों ने...

श्रीनगर में व्यापारियों ने एससी, एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के तहत अपने-अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। श्रीनगर के मुख्य बाजार सहित श्रीकोट गंगानाली व अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों ने...
1/ 2श्रीनगर में व्यापारियों ने एससी, एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के तहत अपने-अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। श्रीनगर के मुख्य बाजार सहित श्रीकोट गंगानाली व अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों ने...
श्रीनगर में व्यापारियों ने एससी, एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के तहत अपने-अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। श्रीनगर के मुख्य बाजार सहित श्रीकोट गंगानाली व अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों ने...
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हिन्दुस्तान टीम,श्रीनगरThu, 06 Sep 2018 04:31 PM
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श्रीनगर में व्यापारियों ने एससी, एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद के तहत अपने-अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखे। श्रीनगर के मुख्य बाजार सहित श्रीकोट गंगानाली व अन्य स्थानों पर भी व्यापारियों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया। श्रीनगर में व्यापारियों ने विरोध स्वरूप रैली निकालकर एससी, एसटी एक्ट को काला कानून बताया। व्यापारियों ने इस संदर्भ में राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा। व्यापार सभा के आह्वान पर पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत आयोजित बंद को देखते हुए नगर के मुख्य बाजारों में व्यापारियों ने सुबह से ही अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर विरोध प्रकट किया। व्यापारियों ने यहां गोला बाजार में एकत्रित होकर नगर के मुख्य मार्गों पर जुलूस प्रदर्शन कर भारी आक्रोश व्यक्त किया। व्यापार सभा अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, महासचिव जगदीप रावत व कोषाध्यक्ष अवनीश सडाना, सुजीत अग्रवाल, ओमप्रकाश गोदियाल, जयदेव सडाना, यतेंद्र मिश्रा, प्रवीन अग्रवाल, त्रिलोक रावत, राजीव विश्नोई, आनंद भंडारी सहित नगर के तमाम व्यापारियों ने कहा कि यह कानून किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। कहा इस कानून के दुरूपयोग की संभावनाओं को देखते हुए सवर्ण जाति के लोगों में भारी भय व्याप्त है। कहा यदि इस मामले में शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो इसके विरोध में उग्र आंदोलन कर दिया जाएगा।

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