राज्य आंदोलन के शहीदों के नाम पर रखा जाए मुख्य चौराहे का नाम
उत्तराखण्ड क्रांति दल कार्यकर्ताओं ने नगर के मुख्य चौराहे का नाम राज्य आन्दोलन के शहीदों के नाम रखने व शिलापट पर शहीदों के नाम लिखे जाने की मांग को ले

उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) कार्यकर्ताओं ने नगर के मुख्य चौराहे का नाम राज्य आंदोलन के शहीदों के नाम पर रखने की मांग की है। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष राम सिंह धामी के नेतृत्व में कार्यकर्ता तहसील पहुंचे और एसडीएम तुषार सैनी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया कि 1 सितंबर 1994 को खटीमा गोलीकांड में चार पूर्व सैनिक भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह मनोला, गोपी चंद और धर्मानंद भट्ट के साथ ही तीन अन्य शहीद सलीम, परमजीत और रामपाल ने कौमी एकता का संदेश देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी शहादत ने राज्य आंदोलन को नई गति प्रदान की और खटीमा का नाम इतिहास में अमर कर दिया।
उक्रांद कार्यकर्ताओं ने मांग की कि नगर के मुख्य चौराहे का नाम ‘उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीद चौक घोषित कर वहां शिलापट पर सभी शहीदों के नाम अंकित किए जाएं। यहां शिवशंकर भाटिया, भवानी शंकर, रमेश चंद्र कोठारी, ठाकुर भगवान सिंह, मोहम्मद बदर सिद्दीकी, शहाबुद्दीन अंसारी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। पूर्व सैनिकों ने जनरल बीसी जोशी के नाम पर नामकरण की रखी मांग दूसरी ओर पूर्व सैनिक संगठन ने मुख्य चौराहे का नाम सेना के पूर्व प्रमुख जनरल बीसी जोशी के नाम पर रखने की मांग की है। संगठन ने एसडीएम सैनी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि कंजाबाग चौराहे पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित होना है, ऐसे में वहां तीस मीटर के दायरे में किसी भी खोखे या ठेले की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए ताकि स्वच्छता और सम्मान बना रहे। ज्ञापन सौंपने वालों में गंभीर सिंह धामी, धन सिंह सामंत, इंद्र सिंह कुंवर, भूपेंद्र सिंह खोलिया, धन सिंह बोरा, कुंदन सिंह और धन सिंह ज्याला शामिल रहे।
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