सड़क निर्माण के लिए गिराई गई जल संस्थान की चाहरदीवारी नहीं बनी
एनएचएआई द्वारा पहेनिया चौराहे से कुटरी तक सड़क बनाने के दौरन तोड़ी गई चाहरदीवारी आज तक नहीं बनाई गई हैं। इस चाहरदीवारी में जल संस्थान, राजस्व विभाग, नगर पालिका के दीन दयाल पार्क की चाहरदीवारी मुख्य...
एनएचएआई द्वारा पहेनिया चौराहे से कुटरी तक सड़क बनाने के दौरन तोड़ी गईं चाहरदीवारी आज तक नहीं बनाई गई हैं। इस चाहरदीवारी में जल संस्थान, राजस्व विभाग, नगर पालिका के दीन दयाल पार्क की चाहरदीवारी मुख्य है। कोतवाली और चौकी ऐसा विभाग था जिसकी दीवार गिराने के बाद एनएच ने बना दी। एटीएस की दीवार विद्यालय प्रबंधन ने नगर के समाज सेवियों की मदद से बनवा दी।नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा पहेनिया में टोल वसूली की जल्दी में पहेनिया से कुटरी बाईपास बनाने की बजाय नगर से सड़क निकालने की योजना बनाई। नगर से सड़क निकालने के लिए आरओडब्लू की आवश्यकता थी। इसके लिए अतिक्रमण चिह्नित कर दुकानें हटाई गईं। सरकारी विभाग की चाहरदीवारी भी अतिक्रमण में आ रही थी। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोतवाली, बाजार पुलिस चौकी, सिंचाई विभाग, जल संस्थान, राजस्व विभाग, नगर पालिका की चाहरदीवारी थी। एनएच ने इसमें केवल बाजार चौकी, कोतवाली की दीवार बनाई। अस्पताल की दीवार को हाथ नहीं लगाया। जल संस्थान जिसके अंदर दो ओवरहेड टैंक बने हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी चाहरदीवारी होना बेहद आवश्यक है। इस संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों ने कई बाद एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।