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तालाब का एक गेट फांदकर अंदर आए थे किशोर

मत्स्य विभाग द्वारा बनाए गए तालाब के चारों ओर छह फिट ऊंची दीवार लगी है। दीवार के ऊपर ढाई फिट के कंटीले तारों की फेंसिंग की गई है। इस दीवार को फांदकर अंदर आना असंभव है। अंदर आने के लिए चार गेट हैं। यह...

तालाब का एक गेट फांदकर अंदर आए थे किशोर
हिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरMon, 23 Sep 2019 11:43 PM
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मत्स्य विभाग द्वारा बनाए गए तालाब के चारों ओर छह फिट ऊंची दीवार लगी है। दीवार के ऊपर ढाई फिट के कंटीले तारों की फेंसिंग की गई है। इस दीवार को फांदकर अंदर आना असंभव है। अंदर आने के लिए चार गेट हैं। यह गेट भी खासे ऊंचे हैं। इन गेटों में से सिंचाई नहर से लगे गेट को फांदकर किशोर परिसर के अंदर दाखिल हुए हैं।कोतवाल संजय पाठक ने बताया कि किशोर सिंचाई नहर की तरफ बने गेट को फांदकर अंदर आए थे। गेट में बच्चों के चढ़कर अंदर आने के जूते के निशान बने हुए हैं। पाठक ने बताया कि तालाब के किनारों में खासी फिसलन थी। जिससे संभावना जताई जा रही है कि किनारे बैठे निखिल व दीपक में निखिल फिसलकर तालाब में गिर गया। गिरते समय निखिल के पैरों में जूते थे। निखिल को डूबता देख दीपक ने अपने जूते उतारे और वह उसे बचाने के लिए तालाब में उतर गया।शव जब बाहर निकाले गए दोनों के शरीर में कपड़े थे।

पाठक ने बताया कि तालाब में लगभग छह फिट पानी जमा था। पानी अधिक होने के कारण डूबने से दोनों बच्चों की मौत हो गई। पाठक ने बताया कि इस समय मत्स्य विभाग के तालाबों में मछली पालन नहीं हो रहा है। यहां पर 12 से 20 फिट गहरे तालाब बनाए गए हैं। तालाब में हुई दुर्घटना के संबंध में सीओ महेश बिंजौला ने कहा कि बॉडी निकालकर शव हास्पिटल लाए गए हैं। परिजनों को सूचित कर दिया गया है। अग्रिम विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

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