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न कोई गले मिला और न मिलाए हाथ

कोरोना महामारी ने इस बार ईद मनाने का तरीका ही बदल दिया न तो लोग अपने घरों से निकले और न ही गले लगकर हाथ मिलाकर एक दूसरे को बधाई दीं। दूर से ही आदाब कर ईद की बधाई दी गई। समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा...

न कोई गले मिला और न मिलाए हाथ
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरMon, 25 May 2020 07:49 PM
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कोरोना महामारी ने इस बार ईद मनाने का तरीका ही बदल दिया। न तो लोग अपने घरों से निकले और न ही गले लगकर हाथ मिलाकर एक दूसरे को बधाई दीं। दूर से ही आदाब कर ईद की बधाई दी गई। समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि जिंदगी में यह पहली ईद है,जिसमें किसी के गले न मिले हों। ईद के दिन मस्जिदों के बाहर का नजारा ही कुछ और होता था। बाजार में पांव रखने को जगह नहीं होती थी। रंग बिरंगे कपड़ों में सजे बच्चे ईद की खरीदारी व मिठाइयों की दुकानों में जमा होते थे। लोग एक दूसरे के घरों में सिवइयां और बिरायानी भेजकर ईद को चार चांद लगाते थे। लेकिन कोरोना महामारी में इस बार की ईद ही अलग रही।ईद की बाजार में भीड़ नाम की चीज नहीं थी। लोगों ने अपने घरों में ही ईद मनाई। ईद में लोग मिले लेकिन गले कोई नहीं मिला और न ही हाथ मिलाया। दूर से ही आदाब कर ईद की बधाई दी। मौलाना इरफानुल हक कहते हैं कि उनके द्वारा ईद के त्योहार में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने का ऐलान कराया गया था। यह बहुत अच्छी बात है कि लोगों ने इसे माना। उन्होंने कहा कि यह पहली ईद होगी जिसमें लोगों ने एक दूसरे को दूर से ही बधाई दी।

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