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महाविद्यालयों में एमए संस्कृत को मिले मान्यता

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से संस्कृत मास के उपलक्ष्य में पिछले एक माह से सम्पूर्ण प्रदेश में संस्कृत के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे...

महाविद्यालयों में एमए संस्कृत को मिले मान्यता
हिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरSun, 19 Sep 2021 06:20 PM
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उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से संस्कृत मास के उपलक्ष्य में पिछले एक माह से सम्पूर्ण प्रदेश में संस्कृत के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें प्रदेश के सभी 13 जनपदों में संस्कृत संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं।

रविवार को जिले में भी संगोष्ठी आयोजित की गई। जनपद संयोजक डॉ. जगदीश चंद्र पांडेय ने अतिथियों का परिचय और स्वागत किया। संस्कृत अकादमी के शोध अधिकारी डॉ. हरीश चंद्र गुरुरानी ने कार्यक्रम के प्रस्ताव रखे। संगोष्ठी का विषय संस्कृत के पुनरुत्थान के उपाय और योजनाएं रहा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तथा संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत ने कहा संस्कृत के पुनरुत्थान के लिए संस्कृत भाषा का समाज में अधिक से अधिक प्रयोग हो। सहवक्ता डॉ. जितेंद्र पंत ने माध्यमिक स्तर तक संस्कृत को अनिवार्य करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि डॉ. राघव झा ने प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में एमए संस्कृत की मान्यता देने को कहा। मुख्य अतिथि प्रो. प्रेमचंद शास्त्री ने कार्यक्रम की सराहना की। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ प्रेक्षा पंत ने सरस्वती वंदना के साथ किया। यहां कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र शर्मा मधुर, सह संयोजक भानु प्रकाश, डॉ. चंद्र प्रकाश उप्रेती, जानकी त्रिपाठी, डॉ. पुष्कर झा, गोपाल कृष्ण जोशी, शिवकांत पांडेय, डॉ. कंचन तिवारी, डॉ. सुदीप पाठक, डॉ. हेमंत जोशी, डॉ. नीरज जोशी, नाजिया समेत 100 से अधिक संस्कृत के विद्वान रहे।

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