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गुरुगोविंद सिंह के साहिबजादों के शहीदी दिवस पर जोड़ मेले का आयोजन

बाबा आगरे वाले गुरुद्वारे में बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी के सालाना जोड़ मेले में धार्मिक दीवान का आयोजन हुआ। यहां हजारों की संगत ने गुरु...

बाबा आगरे वाले गुरुद्वारे में बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी के सालाना जोड़ मेले में धार्मिक दीवान का आयोजन हुआ। यहां हजारों की संगत ने गुरु...
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बाबा आगरे वाले गुरुद्वारे में बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी के सालाना जोड़ मेले में धार्मिक दीवान का आयोजन हुआ। यहां हजारों की संगत ने गुरु...
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Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरMon, 27 Dec 2021 02:20 PM
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बाबा आगरे वाले गुरुद्वारे में बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी के सालाना जोड़ मेले में धार्मिक दीवान का आयोजन हुआ। यहां हजारों की संगत ने गुरु गोविंद सिंह के वीर सपूतों का इतिहास जाना। गुरुओं की महिमा का गुणगान हुआ। दिनभर अटूट लंगर बरता गया।

आगरा गुरुद्वारा में बाबा पाल सिंह की देख रेख में शनिवार को रखे गये अखण्ड पाठ साहिब का भोग पड़ा। यहां धार्मिक जत्थों ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के वीरता का इतिहास का बखान किया। 23 दिसंबर को गुरु साहिब की माता गुजर कौर सहित दोनों छोटे साहिबजादों जोरावार सिंह और फतेह सिंह को बंदी बना लिया गया। खबर मिलते ही वजीर खां के सैनिक माता गुजरी और 7 वर्ष की आयु के साहिबजादे जोरावर सिंह और 5 वर्ष की आयु के साहिबजादे फतेह सिंह को गिरफ्तार करने गंगू के घर पहुंच गए। उन्हें लाकर ठंडे बुर्ज में रखा गया और उस ठिठुरती ठंड से बचने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा तक नहीं दिया। रात भर ठंड में ठिठुरने के बाद सुबह होते ही दोनों साहिबजादों को वजीर खां के सामने पेश किया गया। जहां भरी सभा में उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया। वजीर खां ने दोनों साहिबजादों को काफी डराया, धमकाया और प्यार से भी इस्लाम कबूल करने के लिए राज़ी करना चाहा, लेकिन दोनों अपने निर्णय पर अटल थे। आखिर में दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवारों में चुनवा दिये गये। उन्होंने यूपी, राज्य से पहुंची हजारों संगत को गुरुओं के बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया। यहां दिनभर अटूट लंगर बरता गया।

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